नई दिल्ली : चुनाव आयोग की ओर से दिए गए ईवीएम हैक करने के चैलेंज के लिए आवेदन करने का शुक्रवार को अंतिम दिन था, लेकिन केवल नेशनलिस्ट कॉन्फ्रेंस पार्टी (एनसीपी) ने चुनौती स्वीकार की. कुल आठ पार्टियों ने जवाब दिया था लेकिन एक ही पार्टी ने इस चैलेंज को स्वीकार किया है.
आम आदमी पार्टी ने ईवीएम का सबसे ज्यादा विरोध किया था, लेकिन आप ने भी इस चैलेंज को स्वीकार नहीं किया है. चुनाव आयोग ने 26 मई शाम 5 बजे तक का समय दिया था ईवीएम हैकाथॉन में हिस्सा लेने के लिए आवेदन करने का, लेकिन इस समय तक आप या कांग्रेस की ओर से हामी नहीं भरी गई.
चुनाव आयोग ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि आप और कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी होने का मुद्दा उठाया था, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से जब चैलेंज दिया गया तब दोनों में से किसी ने भी इसे स्वीकार नहीं किया. वहीं आम आदमी पार्टी ने हैकाथॉन को नाटक बताते हुए कहा कि वह इसमें हिस्सा नहीं लेगी.
तीन जून को चुनाव आयोग का हैकाथॉन चैलेंज होने जा रहा है. आयोग ने गुरुवार को कहा था कि अगर राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम के मदरबोर्ड से छेड़छाड़ करने की इजाजत दी जाती है तो ईवीएम अपनी मौलिकता खो देगी.
इससे पहले दिल्ली विधानसभा के अंदर आम आदमी पार्टी ने ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन से छेड़छाड़ करके दावा किया था कि असली ईवीएम से भी इसी तरह छेड़छाड़ की जा सकती है. आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम से छेड़छाड़ का डेमो दिखाया था.
बता दें कि मंगलवार (23 मई) को चुनाव आयोग ने बताया कि ईवीएम को हैक करने की 3 जून से शुरू हो रही चुनौती के लिये सभी सात राष्ट्रीय दलों और 49 राज्य स्तरीय दलों को आमंत्रित किया गया है. शनिवार (20 मई) को आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी करने के राजनीतिक दलों के आरोपों को खुली चुनौती दी थी.