नई दिल्ली: यूपी के सहारनपुर हिंसा को लेकर राज्य के गृह सचिव ने बड़ा बयान दिया है. राज्य के गृह सचिन एमपी मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सहारनपुर की हिंसा में स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. गृह सचिव ने कहा कि सहारनपुर में जातीय हिंसा के पीछे राजनीतिक षड़यंत्र के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की भी बड़ी चूक सामने आई है.
गृह सचिव ने कहा कि यह सवाल हर किसी के जुबान पर है कि सहारनपुर में हिंसा कैसे? शब्बीरपुर गांव में दलित समुदाय रविदास मंदिर परिसर में अंबेडकर प्रतिमा लगाना चाहता था. इसकी शिकायत डीएम को मिलने पर मौका-मुआयना नहीं करवाया, बल्कि दलितों का पक्ष सुने बगैर ही थानाध्यक्ष को फोन कर प्रतिमा लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया.
दलितों को ये भी नहीं पता चला कि प्रशासन ने यह कदम क्यों उठाया. जिसके बाद से दलित समाज नाराज हो गया. इस मामले में जांच के बाद दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी. गृह सचिव एमपी मिश्रा ने कहा कि शब्बीरपुर की घटना के बाद सहारपुर में लखनऊ से आए उच्च अधिकारियों के सामने स्थानीय पुलिस-प्रशासन सही जानकारी नहीं दी.
मानक के हिसाब से नहीं सुरक्षा व्यवस्था
23 मई की घटना पर जवाब देते हुए गृह सचिव ने कहा कि पुरानी गलतियों से सबक न लेते हुए पुलिस-प्रशासन ने बसपा सुप्रीमो मायावती को शब्बीरपुर में कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी.
लेकिन मानक के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई. इसी ढिलाई से 23 मई को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. बता दें कि फिलहाल दो दिनों से सहारनपुर में शांति है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल तैनात है.