आप अगर ये सेब खा रहे हैं तो समझिये ‘जहर’ खा रहे हैं

अगर आप लाल सेब को खाना पंसद करते हैं, तो सावधान हो जाइए. हम सभी लाल सेब बड़े चाव से खाते हैं, मगर आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि अनजाने में हम और आप लाल सेब की जगह जहर खा रहे हैं. दरअसल, आप जो लाल रंग के सेब खा रहे हैं, वो जहर है और उसे खाकर आप कई बड़ी बीमारियों को न्योता दे रहे हैं.

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आप अगर ये सेब खा रहे हैं तो समझिये ‘जहर’ खा रहे हैं

Admin

  • May 25, 2017 2:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली:  अगर आप लाल सेब को खाना पंसद करते हैं, तो सावधान हो जाइए. हम सभी लाल सेब बड़े चाव से खाते हैं, मगर आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि अनजाने में हम और आप लाल सेब की जगह जहर खा रहे हैं. दरअसल, आप जो लाल रंग के सेब खा रहे हैं, वो जहर है और उसे खाकर आप कई बड़ी बीमारियों को न्योता दे रहे हैं.  
 
इंडिया न्यूज के पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो लाल रंग के सेब मार्केट में मिल रहे हैं, वो शरीर के लिए काफी खतरनाक है. मार्केट में जो ताजा बोलकर सेब बेचा जा रहा है, उस पर मोम की कोटिंग की जाती है. इसी कारण वो ताजा और लाल रंग का ज्यादा अट्रैक्टिव दिखता है. 
 
लाल और बड़े सेब पर मोम की कोटिंग-
बता दें कि मार्केट में जो बड़े और लाल रंग के सेब दिखते हैं वो विदेशों से आते हैं. जी हां, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका सहित कई बड़े-बड़े देशों से ये सेब आयात होकर भारत में आते हैं. लाते-लाते इन सेब पर से रंग उतर जाते हैं और इसे ताजा रखने के लिए मोम की कोटिंग की जाती है. दरअसल, इसके पीछे एक बड़ा भ्रष्टाचारियो का नेट्वर्क काम करता है. 
 
पूरे सेब पर मोम की कोटिंग की इस कदर की जाती है, तो अगर आप इसे पानी से भी अच्छी तरह साफ करेंगे तो भी ये नहीं निकलेगा. अगर आप सेब को अच्छे से साफ करना है तो इसे गरम पानी में काफी देर तक रखना होगा, तब जाकर मोम निकल पाएगा. एप्ल को छिलके के साथ खाना तो और भी खतरनाक हो सकता है. 
 
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन देशों से ये ऐपल भारत में आता है, वहां उन देशों में ऐसे ऐपल बेचने पर साफ़-साफ़ मनाही है. वहां ताज़े फल ही बेचे और खाए जाते हैं लेकिन भारत में ऐसे ऐपल धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
 
कैसे हो रहा है लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़-
सेब को अट्रैक्टिव दिखाने के लिए उस पर मोम की कोटिंग की जा रही है. उसके बाद मोम पर कपड़ा रगड़ कर उसकी चमक बढ़ा दी जाती है. हैरान करने वाली बात ये है कि ग्राहक इसी चमक को देखकर पब्लिक इसे ताजा समझकर मुंहमांगी कीमत दे देते हैं. इन सेब को इम्पोर्टेडेट के नाम पर बेचा जाता है और कीमत के रूप में 160 से 200 रुपये वसूली जा रही है. इन सेब को डिब्बे और जाली वगैरह से इतने अच्छे ढंग से सजाते हैं कि लोग इसे खरीदने से खुद को रोक नहीं पाते हैं.
 
हो सकती है गंभीर बीमारियां-
बता दें कि वैक्स कोलतार का बाई प्रॉडक्ट होता है. इससे किडनी, लीवर खराब हो सकता है. वैक्स डाइजेस्ट नहीं होता है. जिसके कारण पेट में गंभीर बीमारियां होने के खतरे रहते हैं. लगातार वैक्स पेट में जाने से गैस्ट्रिक प्रॉब्लम हो सकती है, जिससे ये डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा इंटस्टाइन डैमेज हो सकता है. सबसे खतरनाक तो ये होता है कि इससे हार्ट अटैक जैसी समस्या भी हो सकती है. 
 
बचने के उपाय-
चमकता एप्पल खरीद लिया है तो उसे गर्म पानी में डुबायें.
कपड़े से अच्छी तरह से साफ करें क्योंकि इससे वैक्स कोटिंग काफी हद तक साफ हो जाएगी.
अटै्रक्टिव रेड दिखने वाले एप्पल को अवायड करें.
इम्पोर्टेड के नाम पर बिकने वाले एप्पल के बजाय देशी एप्पल का प्रयोग करें.
 

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