बिना सहमति के प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण मुश्किल: थावरचंद गहलोत

केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल पूरा होने पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने आरक्षण के मुद्दे पर कहा है कि प्राइवेट संस्थान आरक्षण के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट कंपनियों में भी आरक्षण के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.

Advertisement
बिना सहमति के प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण मुश्किल: थावरचंद गहलोत

Admin

  • May 25, 2017 8:42 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल पूरा होने पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने आरक्षण के मुद्दे पर कहा है कि प्राइवेट संस्थान आरक्षण के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट कंपनियों में भी आरक्षण के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
 
गहलोत ने इंडिया न्यूज़ को दिए EXCLUSIVE इंटरव्यू में यह बात कही है. उन्होंने कहा, ‘संविधान में आरक्षण का प्रावधान है और सरकार इसके पक्ष में है. प्राइवेट कंपनियों में भी आरक्षण होने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन प्राइवेट संस्थान इसके पक्ष में नहीं है.’
 
उन्होंने कहा, ‘प्राइवेट कंपनियों का तर्क है कि वो कमजोर वर्ग को ही प्राथमिकता देते हैं. सरकार प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण के लिए सरकार ने समन्वय समिति बनाई है, लेकिन बिना सहमति के प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण मुश्किल है.’
 
गहलोत ने कहा कि देश में तब तक आरक्षण जारी रहेगा जब तक समाज में असामनता दूर नहीं हो जाती. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने SC-ST की बेहतरी के लिए 3 बड़े फैसले लिए हैं. गहलोत ने कहा, ‘SC-ST एक्ट में बदलाव कर नए अपराध की श्रेणी को जोड़ा गया. IPC की धाराओं में भी बदलाव किया गया.’
 
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने कहा कि ओबीसी के साथ अन्याय के खिलाफ आयोग का गठन किया गया है और मोदी सरकार ने ओबीसी ने आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला लिया.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

Tags

Advertisement