असम : कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन करेंगे, ये पुल ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित धोला को उत्तरी तट पर स्थित सादिया से जोड़ेगा.
इस पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है. अरुणाचल प्रदेश में संचार सुविधा को बेहतर बनाने के लिए ये पुल काफी मददगार साबित होगा. इस पुल के बनने से सबसे बड़ा फायदा भारतीय सेना को होगा क्योंकि उन्हें अब अरुणाचल प्रदेश स्थित भारत-चीन सीमा पर पहुंचने में तीन से चार घंटे कम लगेंगे. बता दें कि इस सीमा पर हमारे देश की किबिथू, वालॉन्ग और चागलगाम सैन्य चौकियां हैं.
कितनी है पुल की लागत
आपके जहन में ये सवाल आ रहा होगा कि सरकार ने इस पुल को बनाने में कितने पैसे खर्च किए हैं, तो आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि पुल के निर्माण में कुल 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है.
लागत बढ़ने के पीछे का कारण इसे बनाने में होने वाली देरी है, साथ ही इस पुल को अन्य सड़कों से जोड़ने के लिए 28.5 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण भी किया गया है. गौरतलब है कि जल्द ही एक और बोगीबील नामक पुल शुरू होने वाला है जिसे अरुणाचल प्रदेश से एटानगर जाने में 4-5 घंटे का कम समय लगेगा.
इसके अलावा पुल के चालू होने के बाद
अरूणाचल प्रदेश और असम के बीच की दूरी 165 किलोमीटर और 5 घंटे कम हो जाएगी. ये पुल 60 टन बजनी युद्धक टैंक का वजन उठाने में सक्षम है. 2011 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ और इस परियोजना कील लागत 950 करोड़ थी, इस पुल का का उद्घाटन 2015 में होना था लेकिन बाद में सरकार ने 26 मई को का उद्घाटन करने का फैसला लिया. भारतीय सेना के अलावा असम और अरुणाचल के लोगों के लिए भी यह पुल बेहद उपयोगी साबित होगा.