B’day Special: जब शाहरुख खान की एक सलाह ने पलट दी करण जौहर की किस्मत

मुंबई: अपनी इमोशनल फिल्मों से सभी की आंखों में आंसू लाने वाले फिल्म मेकर करण जौहर आज 25 मई को 45 साल के हो गए हैं. करण जौहर ने बतौर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक्टर फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया है.   -करण के पिता की इच्छा थी कि वो एक्टर […]

Advertisement
B’day Special: जब शाहरुख खान की एक सलाह ने पलट दी करण जौहर की किस्मत

Admin

  • May 25, 2017 4:43 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई: अपनी इमोशनल फिल्मों से सभी की आंखों में आंसू लाने वाले फिल्म मेकर करण जौहर आज 25 मई को 45 साल के हो गए हैं. करण जौहर ने बतौर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक्टर फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया है.
 
-करण के पिता की इच्छा थी कि वो एक्टर बने लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. फ्रेंच कोर्स खत्म करने के बाद करण पेरिस से जनसंचार में एक डिग्री लेना चाहते थे लेकिन उनके मित्र आदित्य चोपड़ा ने उनकी फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के लिए मदद पूछा और जौहर ने हां कहा.
 
-जब करण स्विट्जरलैंड मे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे पर काम कर रहे थे, तब शाहरुख खान ने करण को सुझाव दिया कि वह अपनी खुद की फिल्म का निर्देशन करें. इसी वजह से करण जौहर ने कुछ कुछ होता है को बनाया. यह फिल्म सुपरहिट हो गई और इस फिल्म ने करण की जिंदगी ही बदल दी. इसी तरह करण जौहर के बारे में कुछ ऐसे अनसुने किस्से जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे.
 
-करण की फिल्म कुछ-कुछ होता है ने 1998 के फिल्मफेयर अवार्ड मे 8 अवॉर्ड जीते. उसके बाद करण ने हिंदी सिनेमा को एक के बाद एक हिट फिल्म दी.
 
-करण जौहर को लोग केजो के नाम से भी जानते हैं. फिल्म प्रोड्यूसर यश जौहर और हीरू जौहर के बेटे करण का जन्म मुंबई में हुआ था. 
 
-वह बॉलीवुड फिल्म निर्माता यश जौहर, धर्मा प्रोडक्शंस के संस्थापक और हिरू जौहर के पुत्र है. वे ग्रीनलौन्स हाई स्कूल में पढ़े और एच.आर. कॉलेज ऑफ कॉमर्स एन्द इकोनोमिक्स भी गए थे.
 
-करण जौहर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1989 में टीवी सीरियल ‘श्रीकांत’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. ये सीरियल पहले दूरदर्शन पर आता था.
 
-करण का वजन बचपन में काफी ज्यादा था. यश जौहर अक्सर उनसे कहा करते थे कि 5-6 किलो कम कर ले और एक्टर बन जा.
 
-बचपन के समय, वे वाणिज्यिक भारतीय सिनेमा से प्रभावित थे. वह राज कपूर, यश चोपड़ा और सूरज बड़जात्या से प्रेरित है. थोडे समय के लिए जौहर अंकज्योतिषी को मानते थे. उनके सारे फिल्मो का नाम ‘क’ शब्द से शुरु होती थी। लगे रहो मुन्नाभाई (2006) देखने के बाद (जो अंकज्योतिषी की आलोचना करती है) उन्होंने यह अभ्यास छोड दिया.
 
-करण कल हो ना हो, काल, कभी अलविदा ना कहना, दोस्‍ताना, कुर्बान, वेक अप सिड, मास नेम इज खान, आई हेट लव स्‍टोरीज, वी आर फैलिली, अग्निपथ, एक मैं और एक तू, स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर, गिप्‍पी, ये जवानी है दीवानी, गोरी तेरे प्‍यार में, हंसी तो फंसी, 2 स्‍टेट्स, हंपटी शर्मा की दुल्‍‍हनिया, उंगली जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं.

Tags

Advertisement