नई दिल्ली: आज जब रोजर मूर के अपने ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट से उनकी मौत की खबर आई तो दुनियां भर में जेम्स बांड के फैन्स के लिए ये सदमे की बात थी. सत्तर और अस्सी के दशक में जेम्स बांड सीरीज की सात फिल्में करने वाले रोजर मूर के दुनियां भर में लाखों फैन थे. उन्होंने दुनियां भर में इस फिल्म की शूटिंग की, भारत में भी. मंगलवार 23 मई को रोजर मूर का स्विटजरलैंड में कैंसर से मौत हो गई, वो 89 साल के थे.
उनकी मौत के बाद उनके परिवार की तरफ से भी एक स्टेटमेंट जारी किया गया है, इसके मुताबिक, “It is with a heavy heart that we must announce our loving father, Sir Roger Moore, has passed away today in Switzerland after a short but brave battle with cancer.”
जेम्स बांड का पहला रोल उन्होंने एक टीवी कॉमेडी सीरीज में गेस्ट एपीयरेंस के साथ किया, जिसका नाम था मेनली मिलीसेंट. जब 1966 में हॉलीवुड के दूसरे नंबर के जेम्स बांड सीन कोनेरी ने ऐलान कर दिया कि अब वो बॉन्ड सीरीज की फिल्मों में काम नहीं करेंगे, तब रोजर मूर ने सोचा कि अगला बॉन्ड होने के बारे में सोचा जा सकता है.
इससे पहले उनके दिमाग में ख्याल भी नहीं आया था. हालांकि, उसके बाद भी सीन ने 1971 में एक बॉन्ड सीरीज की फिल्म में काम किया. 1972 में उन्हें एप्रोच किया गया और उनसे बाल कटवाने और वजन कम करने को कहा गया. इस सीरीज की उनकी पहली फिल्म आई लिव एंड लेट डाई.
उन्हें बॉन्ड के रूप में इतना पसंद किया गया कि प्रोडयूसर्स ने अगली बॉन्ड फिल्म भी अगले साल ही बना डाली, जिसका नाम था ‘द मैन विद द गोल्डन गन’. 1977 में ‘आई द स्पाई हू लव्ड मी’. उन्होंने बॉन्ड के अलावा बाकी फिल्में करना बंद कर दिया. 1979 में आई मूनारकर तो 1981 में आई फॉर यॉर आईज ओनली और 1983 में आई वो फिल्म जिसकी शूटिंग भारत में हुई. इस फिल्म का नाम था ऑक्टोपसी, जिसमें कबीर बेदी और टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने भी काम किया था.
इसके बाद आई उनकी आखिरी बॉन्ड फिल्म ए व्यू टू किल, जो 1985 में आई और इसी साल उन्होंने बॉन्ड की फिल्मों को अलविदा कह दिया. पूरे 12 साल तक वो दुनियां भर में बॉन्ड के रूप में छाए रहे और इस दौरान पूरी सात सुपरहिट फिल्में दीं.
अब बात उनके इंडिया कनेक्शन की, उनकी मां का परिवार दूसरे विश्व युद्ध के समय भारत में ही रहता था, कोलकाता में. उनकी मां का जन्म भी कोलकाता में ही हुआ था. हालांकि वो ब्रिटिश थीं. इससे उनकी मां की ढेर सारी यादें इंडिया से जुड़ी थीं और वो लगातार उनसे भारत और भारतीयों के बारे में बातें करती रहती थी.
जब 1982-83 में ऑक्टोपसी बन रही थी, तो भारत में शूटिंग की बात चली तो रोजर इस बात से एक्साइटेड थे कि वो अपनी मां की जन्मभूमि भारत जा पाएंगे. हालांकि, ऑक्टोपसी की शूटिंग कोलकाता में नहीं बल्कि हॉलीवुड सितारों के फेवरेट सिटी उदयपुर में हुई थी. दरअसल, प्रोडयूसर को विलेन के लिए एक नायाब महल चाहिए था. ऐसा महल ढूंढा गया उदयपुर की छत कहे जाने वाले सज्जनगढ़ के रूप में.
सज्जन गढ़ उदयपुर के राणा सज्जन सिंह ने मानसून महल के तौर पर पहाड़ी पर बनवाया था. वो इतनी ऊंचाई पर बना है कि जून की गर्मी में भी वहां ठंडी हवाओं का आनंद ले सकते हैं, राजा ने वहां पानी के इंतजाम के लिए 150 साल पहले ही करीब 2 लाख लीटर बारिश के पानी को संगह्रण करने की व्यवस्था कर दी थी. आजकल उसके आसपास एक वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी बना दी गई है.
हालांकि, ऑक्टोपसी में ज्यादातर शॉट किले की ऊंचाई और लोकेशन दिखाते हुए ही लिए गए हैं, अंदर जो फाइट हैं वो कहीं और शूट की गई थी, क्योंकि अंदर उतना स्पेस नहीं है. फिल्म की कहानी के मुताबि, एमआई एजेंट 009 की हत्या का सुराग तलाशते हुए बॉन्ड उदयपुर आता है, जहां अफगान प्रिंस कमाल खान एक पहाड़ी महल में रहता है. जहां से बचने में उसकी मदद विजय नाम का एजेंट करता है, जिसका रोल टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने किया था. कमाल खान का रोल मॉड एडम्स ने और उसके बॉडीगार्ड गोबिंदा का रोल कबीर बेदी ने किया था.