अहमदाबाद: नोटबंदी के बाद कम हुई सोने की तस्करी एक बार फिर बढ़ गई है. दिल्ली के एक कारोबारी ने सोने की स्मगलिंग के लिए चौंकाने वाला रास्ता अपनाया. इस कारोबारी ने सोने की तस्करी के लिए अंडे को गर्मी देने वाली मशीन को ही जरिया बना लिया. सोने के चमचमाते बिस्किट. अहमदाबाद की गांधीधाम DRI टीम को अगर पहले खबर नहीं मिली होती तो उनकी आंखों के सामने से ये सारा सोना निकल जाता.
सोने की ये पूरी खेप गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पकड़ी गई है. जिस कंसाइनमेंट से ये सोना बरामद हुआ. उसमें दुबई से एग इनक्यूबेटर मंगाया गया था. उसी एग इनक्यूबेटर के फ्रेम के भीतर सोने के बिस्किट रखे गए थे. इन्हें कागजों में इस तरह लपेटा गया था कि हिलने डुलने पर इसमें जरा भी आवाज नहीं होती थी. स्क्रू के जरिए सोने के बिस्किट को लोहे के फ्रेम में फिट किया गया था. एग इनक्यूबेटर कुछ ऐसा दिखता है. इनक्यूबेटर में ये जो फ्रेम नजर आ रहा है. वो अंदर से खोखला होता है। इसी का फायदा उठाकर सोने की स्मगलिंग की गई.
दिल्ली के जिस कारोबारी ने स्मगलिंग करके सोना मंगाया है उसका नाम हरनेक सिंह है. हरनेक इससे पहले 48 बार ऐसे ही तरीकों से सोना मंगा चुका है. बीते 13 मई को दिल्ली के चंद्र विहार इलाके से DRI की टीम ने एक ट्रक से 44 किलो सोना बरामद किया था. इसके बाद हरनेक की गिरफ्तारी हुई थी. हरनेक से पूछताछ के बाद DRI की टीम ने अगले कंसाइनमेंट को पकड़ा. इस काम में उसकी मदद दुबई में बैठे उसके रिश्तेदार कर रहे थे. शक है कि सोने की पेमेंट के लिए वो हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करता था.
क्यों बढ़ रही है सोने की तस्करी ?
दरअसल सोने के आयात में कमी लाने के लिए मोदी सरकार ने इस पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी थी. इसके बाद से ही सोने की तस्करी बढ़ गई. 2012 और 2013 में तस्करी के 10 मामले सामने आए थे. जबकि 2014 और 2015 में ये बढ़कर 88 तक पहुंच गए. दुबई और भारत के बीच बिना टैक्स एक किलो सोने की कीमत में दो लाख तीस हजार रुपए का अंतर आता है.
ये भी है प्रमुख कारण
अंदर की बात ये है कि सोने की घरेलू खपत के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है. डिमांड के हिसाब से सोने का उत्पादन भारत में बहुत कम है. लिहाजा भारत को हर साल करीब एक हजार टन सोना इम्पोर्ट करना पड़ता है. इम्पोर्टेड सोना कस्टम ड्यूटी के बाद महंगा हो जाता है और ज्वैलर्स का मुनाफा कम हो जाता है, इसलिए सोने की स्मगलिंग बड़े पैमाने पर होती है.
गोल्ड स्मगलरों का पसंदीदा रूट पहले नेपाल था, लेकिन नेपाल सीमा पर चौकसी के बाद अब तस्करों ने दुबई और सिंगापुर से सोने की तस्करी तेज कर दी है. चूंकि सोने की तस्करी के मामलों में ज्यादातर आरोपी जुर्माना भरकर छूट जाते हैं, इसलिए तस्करों के मन में कानून का बहुत ज्यादा खौफ नहीं है..