Quota for EWS Students: लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार दे सकती है 12वीं क्लास तक के ईडब्ल्यूएस छात्रों को 25 प्रतिशत कोटा

Quota for EWS Students: नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही 12वीं के ईडब्ल्यू छात्रों को स्कूलों में कोटा दे सकती है. अभी तक शिक्षा के अधिकार के तहत केवल पहली से आठवीं के गरीब छात्रों के लिए निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट आरक्षित की जाती थी. अब ये 12वीं तक के बच्चों के लिए कर दिया जाएगा.

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Quota for EWS Students: लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार दे सकती है 12वीं क्लास तक के ईडब्ल्यूएस छात्रों को 25 प्रतिशत कोटा

Aanchal Pandey

  • January 28, 2019 1:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठा सकती है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार बारहवीं कक्षा तक बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का विस्तार करने पर विचार कर रही है. इसे आर्थिक रूप से कमजोर समर्थकों के लिए एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है. इस बारे में जानकारी देते हुए मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, आरटीई अधिनियम 2009 के विस्तार के संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. इस संबंध में निर्णय लेने से पहले पूरी जांच की जाएगी. मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा. पहले इस अधिनियम के तहत अभी कक्षा एक से आठवीं तक के छह और 14 वर्ष के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में सीट आरक्षित होती है. ये अधिनियम अल्पसंख्यक संस्थानों को छोड़कर सभी निजी स्कूलों के लिए है जिसके तहत 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना आवश्यक है.

  1. केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ऑफ एजुकेशन, सीएबीई की एक उप-समिति ने 2012 में आरटीई अधिनियम के विस्तार की सिफारिश की थी उस समय यूपीए सत्ता में थी. बता दें कि शिक्षा के अधिकार का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ है. अब इसे चुनाव से पहले एक बार फिर विचार में लाया जा रहा है.
  2. हाल ही में केंद्र ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की और अब केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की शिक्षा के लिए आरक्षण पर भी विचार कर रहा है. इसे भाजपा की चुनाव में जीत हासिल करने के लिए रणनीति की तरह देखा जा रहा है. पिछले साल मार्च में एचआरडी राज्य मंत्री सत्य पाल सिंह ने संसद को सूचित किया था कि आरटीई अधिनियम के दायरे को बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं था.
  3. इस मांग को दिल्ली उच्च न्यायालय में पिछले साल मई में दायर एक याचिका द्वारा पुनर्जीवित किया गया था. नवंबर में दिल्ली हाई कोर्ट के एक वकील अशोक अग्रवाल ने अखिल भारतीय अभिभावक संघ की ओर से मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में कहा था कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों की आठवीं कक्षा पूरी होने के बाद स्कूल उनसे फीस देने या स्कूल छोड़ने के लिए कहते हैं. इसके साथ उन्होंने मांग रखी और कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 12वीं के छात्रों तक लागू किया जाए.

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