Ayodhya Ram Mandir SC Bench: सुप्रीम कोर्ट की अयोध्या राम मंदिर बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण शामिल, 29 जनवरी को सुनवाई

Ayodhya Ram Mandir SC Bench: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुनवाई कर रही है. 10 जनवरी को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने जस्टिस यूयू ललित पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था. इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि मामले में नई बेंच का गठन किया जाएगा.

Advertisement
Ayodhya Ram Mandir SC Bench: सुप्रीम कोर्ट की अयोध्या राम मंदिर बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण शामिल, 29 जनवरी को सुनवाई

Aanchal Pandey

  • January 25, 2019 6:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में नई बेंच का गठन शुक्रवार को कर दिया गया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण को बेंच में शामिल किया है. मामले की सुनवाई 29 जनवरी को होनी है. 10 जनवरी को सुनवाई के दौरान आपत्ति उठाए जाने के बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया था. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा था कि अयोध्या केस से जुड़े एक मामले में बतौर वकील यूयू ललित साल 1994 में कल्याण सिंह की ओर से पेश हुए थे. 

अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सीजेआई रंजन गोगोई की अगुआई में संवैधानिक पीठ का गठन किया गया है. इसमें पहले जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को शामिल किया गया था. लेकिन जस्टिस यूयू ललित के सुनवाई से अलग होने के बाद सीजेआई ने नई बेंच के गठन की बात कही थी. अब इस बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण को शामिल किया गया है.

  1. पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई ने इस मामले से जुड़े तमाम दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था. बहस और फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट के जजों को 50 संदूक में बंद 88 गवाहों की 13886 पन्नों की गवाही, 533 सबूत, 257 दस्तावेज और इलाहाबाद हाई कोर्ट के 4304 पन्नों के फैसलों से रूबरू होना पड़ेगा.
  2. ये दस्तावेज उर्दू, फारसी, गुरुमुखी, हिंदी और अरबी भाषा में है और सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री दिन-रात काम करके इसका अनुवाद कर रही है. इसके बाद ही दस्तावेजों को सु्प्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है.
  3. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी को मामले में संविधान पीठ के गठन का आदेश दिया था. इस मामले की रोज सुनवाई हो या नहीं, बेंच को यही तय करना था. पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय की तीन जजों वाली बेंच ने 2-1 के बहुमत से अयोध्या केस से जुड़े एक मामले को संविधान पीठ को भेजने से मना कर दिया था.
  4. मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं, बेंच इसी पर सुनवाई कर रही थी. साल 1994 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए बेंच ने यह आदेश दिया था. 

BJP National Meet PM Narendra Modi Speech: अयोध्या राम मंदिर को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा कांग्रेस अपने वकीलो की मदद से डालती है न्यायिक प्रक्रिया में बाधा

Ayodhya Ram Mandir Hearing Social Media Reactions: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में टली सुनवाई तो लोग बोले- कब तक तारीख पर तारीख

 

Tags

Advertisement