रैंसमवेयर साइबर अटैक से की चपेट में लगभग 150 देश आ चुके हैं. इसी बीच अमेरिका ने रूस पर इस अटैक का आरोप मढ़ दिया है.
मास्को: रैंसमवेयर साइबर अटैक से की चपेट में लगभग 150 देश आ चुके हैं. इसी बीच अमेरिका ने रूस पर इस अटैक का आरोप मढ़ दिया है. अमेरिका के आरोप के बाद रूप के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि कहा कि हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. पुतिन मूल साफ्टवेयर बनाने के लिए अमेरिकी गुप्तचर समुदाय की आलोचना की.
पुतिन ने कहा कि जहां तक इन खतरों के स्रोत का सवाल है, माइक्रोसाफ्ट ने यह सीधे तौर पर कहा है कि वायरस का स्रोत अमेरिका की विशेष सेवाएं हैं. पुतिन ने माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ के ब्लॉग के संबंध में यह बात कही. बता दें कि स्मिथ ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने वह कोड विकसित किया था जिसका इस्तेमाल इस हमले में किया गया है.
इस साइबर हमले से 150 से ज्यादा देशों में 2,00,000 इकाइयां प्रभावित हुई हैं. इसे अपने तरह का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. अमेरिका ने पूर्व में रूस पर कई साइबर हमले करने का आरोप लगाया है. अटैक करने वाले अपराधी उपकरणों को ठीक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर मूल्य की डिजिटल मुद्रा बिटक्वाइन की मांग कर रहे हैं.
ब्रिटेन के हॉस्टिपटल के कंप्यूटर पर अटैक के बाद रैंसमवेयर बहुत तेजी से विकराल रूप ले रहा है. भारत में रैंसमवेयर के डर से कुछ एटीएम बंद कर दिए गए. खबर है कि आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हिमाचल में कुछ कम्प्यूटर इससे इफेक्टेड पाए गए हैं. इस वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई ठोस तकनीकी इजाद नहीं हुई है.