राजस्थान के इस भव्य जैन मंदिर को देख आप बोलेंगे ही बोलेंगे, जय माहिष्मति

वैसे तो हर धर्म और उसके तीर्थस्थलों की अपनी एक अलह महत्ता होती है. मगर कुछ मंदिर अथवा तीर्थस्थल ऐसे होते हैं, जो अपनी कई विशेषताओं को की वजह से लोगों के बीच लोकप्रिय होते हैं.

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राजस्थान के इस भव्य जैन मंदिर को देख आप बोलेंगे ही बोलेंगे, जय माहिष्मति

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  • May 15, 2017 1:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

उदयपुर: वैसे तो हर धर्म और उसके तीर्थस्थलों का अपना एक अलग महत्व होता है. मगर कुछ मंदिर अथवा तीर्थस्थल ऐसे होते हैं, जो अपनी कई विशेषताओं को की वजह से लोगों के बीच लोकप्रिय होते हैं. जैन धर्म के पांच सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है राजस्थान में अरावली पर्वत की घाटियों के बीच स्थित रणकपुर का जैन मंदिर. इस मंदिर की अपनी कई विशेषताएं, जिसके कारण पर्यटक भारी संख्या में यहां खींचे चले आते हैं.

कहा जाता है कि चारों तरफ से जंगलों से घिरे होने के कारण इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है. इतना ही नहीं, कहा तो ये भी जाता है कि भारत में जितने भी जैन मंदिर हैं, उन सभी में इस मंदिर की इमारत सबसे विशाल और भव्य है. 
 
 
रणकपुर मंदिर उदयपुर से 96 किलोमीटर की दूरी पर पाली जिले में स्थित है. बताया जाता है कि इस भव्य जैन मंदिर का निर्माण 1439 ई में किया गया था. खास बात ये है कि ये मंदिर करीब 484000 वर्ग फुट में फैला है और इसे बनाने में 99 लाख रुपये का खर्च आया था.  
 
 
टूरिस्ट्स के बीच ये मंदिर काफी लोकप्रिय है. इस मंदिर की भव्यता टूरिस्टों का मन मोह लेती है. यहां जाकर लोग सुकून महसूस करते हैं. 
 
 
इस मंदिर का एक अनोखा इतिहास है. रणकपुर का नाम महाराणा कुम्भा के नाम पर है, ये मेवाड़ के शासक थे, जिन्होंने एक मंदिर के निर्माण के लिए अपनी जमीन की पेशकश की थी. बताया जाता है कि इन्होंने एक दिव्य सपना देखा था, जिसके बाद उन्होंने एक जैन व्यापारी धर्ना शाह को जमीन भेंट कर दी और उन्होंने अपने संरक्षण में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया. 
 
 
इस मंदिर में चारों तरफ से द्वार हैं. इस मंदिर के बीच में प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ की मूर्ति स्थापित है. बाकी तीर्थंकर के भी मंदिर हैं यहां पर. इसे रणकपुर का चौमुखा मन्दिर कहा जाता है. 
 
 
सच कहूं तो अगर आप शांति और सुकून के लिए भी कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो रणकपुर मंदिर आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन होगा. इस जगह की खास बात ये है कि ये ज्यादा खर्चीला भी नहीं है. यहां पर पांच सौ से हजार रुपये में आपको ठहरने के लिए कमरे मिल जाएंगे. 
 
 
प्रकृति प्रेमी और एडवेंचर में विश्वास रखने वालों के लिए ये जगह बिलकुल अनुकूल है. यहां अरावली की पहाड़ियों से आप बेहतरीन नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं.
 
 
यहां जाने के लिए जयपुर, जोधपुर या उदयपुर से बस और अन्य गाड़ियां भी मिलती हैं. यहां जाने के लिए उदयपुर तक आप ट्रेन से भी जा सकते हैं और वहां से फिर बस या कार लेकर पहुंच सकते हैं. उदयपुर से दो या तीन घंटे के सफर में 60-70 रुपये खर्च कर आप इस जगह का लुत्फ उठा सकते हैं. 
 
 
बता दें कि गर्मी के मौसम में यहां का तापमान अधिक होता है. इसलिए घूमने जाने के लिए सर्दी का मौसम बेहतर माना जाता है. जनवरी, फरवरी और मार्च का महीना यहां घूमने के लिए आपके लिए बेहतर होगा.
 
 
तो इस बार यहां जाना भूलना मत.

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