नई दिल्ली: इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ने वाले हर छात्र का सपना होता है कि वो आईआईटी से पढ़ाई करे. आईआईटी देश का शीर्ष तकनीकी संस्थान माना जाता है, जहां से कंपनियां बच्चों को हाथों हाथ उठा लेती है और अच्छी तनख्वाह पर उन्हें अपनी कंपनी में जॉब देती है.
पिछले करीब एक दशक से ऐसा ही होता आया है लेकिन लगता है इस साल ऐसा नहीं होगा. बताया जा रहा है कि इस साल तीन में से एक आईआईटीएन को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए जॉब नहीं मिलेगी. भारत में इंजीनियरिंग की घटती मांग को देखते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है.
एचआरडी मंत्रालय की डाटा रिपोर्ट के मुताबिक 2016-17 में सिर्फ 66 फीसदी छात्रों को ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा जॉब मिली है. 2015-16 में ये आंकड़ा 79 फीसदी था वहीं 2014-15 में आंकड़ा 78 फीसदी था. कैंपस प्लेसमेंट के लिए अप्लाई करने वाले भारत के 17 आईआईटी के 9104 छात्रों में से सिर्फ 6013 छात्रों को ही जॉब मिल सकी है.