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पाकिस्तान के रमजान कानून को बेनजीर भुट्टो की बेटी ने बताया पाखंड

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बनेजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो ने रमजान के दौरान पानी पीने वालो को सजा दिए जाने के कानून के खिलाफ आवाज उठाई है. बख्तावर ने पाकिस्तान के एहतराम-ए-रमजान कानून के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि रमजान के दौरान रोजा ना रखने वालों को जेल की सजा मिलती है लेकिन आंतवादियों को खुला घूमने की इजाजत है. उन्होंने कहा कि ये इस्लाम नहीं है.

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  • May 13, 2017 1:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बनेजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो ने रमजान के दौरान पानी पीने वालो को सजा दिए जाने के कानून के खिलाफ आवाज उठाई है. बख्तावर ने पाकिस्तान के एहतराम-ए-रमजान कानून के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि रमजान के दौरान रोजा ना रखने वालों को जेल की सजा मिलती है लेकिन आंतवादियों को खुला घूमने की इजाजत है. उन्होंने कहा कि ये इस्लाम नहीं है.
 
गौरतलब है कि जिया-उल-हक ने 1981 में ये कानून लागू किया था जिसमें रमजान के दौरान खाने-पीने वालों को तीन महीने तक की जेल का प्रावधान है वहीं हाल ही में सरकार ने इस कानून को और भी सख्त बनाते हुए इसमें आर्थिक दंड का भी प्रावधान जोड़ दिया.
 
 
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो ने ट्वीट कर कहा कि ‘ रमजान में पानी पीने के लिए तीन महीने की जेल लेकिन एक आतंकवादी स्कूली लड़की मलाला पर जानलेवा हमला कर सकता है और टीवी पर मुस्कराता हुए दिख सकता है.’
 
बख्तावर ने एक और ट्वीट कर कहा कि रोजा रखना इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धांतों में से एक है लेकिन ऐसा कहां लिखा है कि ऐसा ना करने पर गिरफ्तार कर लिया जाए.

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