नई दिल्ली. 2013 के प्रयाग कुंभ की तरह ही नासिक कुंभ में भी महिलाओं के लिए अलग अखाड़े की मांग जोर पकड़ रही है.लेकिन इस बार बात कुछ ज्यादा बिगड़ गई है. महिलाओँ के परी अखाड़े की अगुवाई कर रही साध्वी त्रिकाल भवंता ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. साध्वी का कहना है कि अखाड़ा परिषद […]
नई दिल्ली. 2013 के प्रयाग कुंभ की तरह ही नासिक कुंभ में भी महिलाओं के लिए अलग अखाड़े की मांग जोर पकड़ रही है.लेकिन इस बार बात कुछ ज्यादा बिगड़ गई है. महिलाओँ के परी अखाड़े की अगुवाई कर रही साध्वी त्रिकाल भवंता ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
साध्वी का कहना है कि अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास से उन्हें जान का खतरा है. अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता का सीधा आरोप है कि महंत ज्ञानदास से उन्हें जान का खतरा है. दरअसल ये सारा बवाल परी अखाड़ा यानि महिला साधुओं के अलग अखाड़े पर है.
नासिक कुंभ में सैकड़ों साध्वियां पहुंची हुई हैं. इनकी अगुवाई कर रही हैं साध्वी त्रिकाल भवंता. इनकी मांग है कि इन्हें अलग से 14वें अखाड़े के तौर पर मान्यता दी जाए ताकि इन्हें भी वो सारे अधिकार मिल सकें,, जो बाकी के 13 अखाड़ों को मिले हैं.
दरअसल बाकी सभी 13 अखाड़ों में पुरुषों का ही वर्चस्व है और अब महिलाएं अपने धार्मिक अधिकारों को लिए पुरुष प्रधान व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं. बड़ा सवाल ये है कि महिलाओं को ये सारे अधिकार क्यों नहीं मिल सकता ?? सवाल ये भी है कि क्या साध्वी त्रिकाल भवंता की जान को वाकई खतरा है ??