मुंबई: स्वदेशी व हल्के लड़ाकू विमान तेजन से शुक्रवार को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्ण परीक्षण किया गया. इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र से किया गया है.
हवा में मार करने वाली मिसाइल तेजस ने डर्बी मिसाइल के जरिए लक्ष्य को नष्ट कर अपनी बेयांड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल दागने की क्षमता का प्रदर्शन किया.इस सफल स्वदेशी परीक्षण से भारत की मिसाइल तकनीक और ताकतवर हो गई है.
अंतरिम परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के सेंसर ने लक्ष्य और मिसाइल का पता लगाया. इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य तेजस पर पहले से मौजूद एवियॉनिक्स, फायर कंट्रोल रडार, लॉन्चरों और मिसाइल शस्त्र प्रणालियों के साथ डर्बी बीवीआर मिसाइल प्रणाली को जोड़े जाने का आंकलन करना और इसके प्रदर्शन का सत्यापन करना था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह परीक्षण अपने सभी मानकों में खरा उतरा. अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने और उसको पूरी तरह तबाह करने के लिए परीक्षण को बड़ी भारत की एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.
मिसाइल तेजस 50 हजार फीट तक उड़ने क्षमता रखता है.
तेजस फाइटर जेट 2200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान को चीरता है. इसकी वजह ये है कि इसका कुल वजन 6540 किलो है और हथियारों से पूरी तरह लैस होने पर ये करीब 10 हजार किलो का हो जाता है. जो भारत के दूसरे लड़ाकू विमानों से काफी कम है.
दुश्मन पर हमला करने के लिए इसमें हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है तो जमीन पर निशाना लगाने के लिए आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगाया गया है. तेजस की ताकत की बात करें तो तेजस पुराने मिग 21 से कहीं ज्यादा आगे है और मिराज 2000 से इसकी तुलना की जा सकती है. इतना ही नहीं चीन और पाकिस्तान के साझा उपक्रम से बने जेएफ-17 से कहीं ज्यादा बेहतर है. तेजस का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम काफी जबरदस्त है.