दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स से जांच कराने का आदेश दे दिया है.
आजादी के पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस नेशनल हेराल्ड नाम का अखबार शुरू किया था. इस अखबार को 8 सितंबर 1938 को लखनऊ में शुरू किया गया था और नेहरू जी ही इसके पहले संपादक थे.
नेहरू जी ने नेशनल हेराल्ड के साथ ही हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज नाम का अखबार निकाला था. आजादी के बाद भी नेहरू जी के जमाने तक नेशनल हेराल्ड कांग्रेस का मुखपत्र बना रहा.
लेकिन 2008 तक इस अखबार की आर्थिक बिगड़ गई और इसको बंद करना पड़ा. लेकिन इस अखबार के नाम पर अब तक हजारों करोड़ की रुपए की संपत्ति दर्ज की जा दचुकी थी और अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स नाम की कंपनी के नाम पर था.
अखबार को फिर से शुरू करने के नाम पर एसोसिएटेड जर्नल्स ने कांग्रेस से 90 करोड़ का कर्ज ले लिया॰ लेकिन अखबार को दोबारा शुरू नहीं किया गया. 26 अप्रैल 2012 को यंग इंडिया नाम की कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स का मालिकाना हक खरीद लिया.
यंग इंडिया कंपनी के 76 फीसदी शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास हैं. बाकी सैम पित्रोदा, सुमन देव, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज के पास हैं.
क्या है विवाद
कोर्ट में बीजेपी नेता और याचिकाकर्ता सुब्रमण्यण स्वामी की ओर से कहा गया है कि संविधान में साफ लिखा है कि कोई भी पार्टी किसी भी व्यवसायिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकती है फिर किस आधार पर कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल को कर्ज दे दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ में हुई इस अधिग्रहण को लेकर हुई मीटिंग भी गैरकानूनी है. राहुल गांधी ने 2009 में दिए चुनावी हलफनामे में यंग इंडिया में शेयर होने की बात छिपाई.
स्वामी का कहना है कि इसके बाद राहुल ने 2 लाख 62 हजार 411 शेयर प्रियंका गांधी को दे दिए. कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ देकर एसोसिएटेड जर्नल्स का अधिग्रहण करने के बाद बाद इसकी हजारों करोड़ की संपत्ति पर सोनिया और राहुल गांधी ने कब्जा कर लिया.