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2 करोड़ के चंदे को लेकर फंसी AAP, इनकम टैक्स ने EC को सौंपी रिपोर्ट

आम आदमी पार्टी चंदे के चक्कर में फंस गई है. इनकम टैक्स विभाग ने 'आप' के चंदे को लेकर चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंपी है. इधर पार्टी ने ईवीएम मुद्दे को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन किया. विधानसभा में डमी ईवीएम का डेमो दिखाने के बाद आप कार्यकर्ता प्रदर्शन पर उतर आए.

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  • May 11, 2017 5:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी चंदे के चक्कर में फंस गई है. इनकम टैक्स विभाग ने ‘आप’ के चंदे को लेकर चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंपी है. इधर पार्टी ने ईवीएम मुद्दे को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन किया. विधानसभा में डमी ईवीएम का डेमो दिखाने के बाद आप कार्यकर्ता प्रदर्शन पर उतर आए. ईवीएम पर सवाल उठाते हुए दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर पर हल्ला बोल दिया
 
IT ने EC को सौंपी रिपोर्ट
इधर इनकम टैक्स विभाग ने आम आदमी पार्टी के चंदों से जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी है. बताया जा रहा है कि ‘आप’ को मिले कथित दो करोड़ के चंदे को लेकर पार्टी अब तक कोई सबूत नहीं दे पाई है. ये रकम 50 लाख के चार ड्राफ्ट के जरिए मिली थी. इस चंदे को लेकर इनकम टैक्स विभाग आधा दर्जन से ज्यादा बार पार्टी को चिट्ठी लिख चुका है. लेकिन, पार्टी की तरफ से इसे लेकर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी को राजनीतिक दल के नाते मिली आयकर छूट खत्म करने पर भी विचार हो सकता है.
 
‘आप’ की मुश्किलें और बढ़ेंगी !
आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग के दफ्तर पर हल्ला बोल रही है तो अपने पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के सवालों पर चुप्पी साध रखी है. कपिल मिश्रा ने आज दिल्ली के टैंकर घोटाला मामले में एसीबी में अपना बयान दर्ज कराया. कपिल मिश्रा के बयान को वाटर टैंकर घोटाला केस में अहम सबूत के तौर पर देखा जा रहा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद कपिल मिश्रा पिछले सोमवार को भी एसीबी दफ्तर गए थे और घोटाले से जुड़े दस्तावेज एसीबी को सौंपे थे.
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी अब करप्शन के आरोपों में बुरी तरह फंस चुकी है. कपिल मिश्रा एसीबी और सीबीआई को सबूत मुहैया करा रहे हैं, तो पीडब्ल्यूडी घोटाले में केजरीवाल के साढ़ू के फर्जी बिलों का भुगतान करने के दस्तावेज़ भी सामने आ चुके हैं.
केजरीवाल पर लगे आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए ‘आप’ को ईवीएम पर हंगामा करने के अलावा कुछ सूझ नहीं रहा. चुनाव आयोग के दफ्तर पर हंगामा करने का एक मकसद ये भी था कि अगर चंदे की गड़बड़ी और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुनाए, तो ये कहने का बहाना तैयार रहे कि चुनाव आयोग ‘आप’ को केंद्र के इशारे पर टारगेट कर रहा है.

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