नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का इस साल के अंत तक पूरी तरह से कायाकल्प होने की संभावना है. वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए सीओए के अध्यक्ष और बीसीसीआई चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई का काम देखना ज्यादा चुनौतीपुर्ण नहीं रहा है.
सीओए का सदस्य होने के नाते नहीं, आप जो भी कहेंगे वह बीसीसीआई और राज्य संघों तक रहेगा. इसलिए मेरे पास ज्यादा अधिकार नहीं थे. मुझए बार-बार अदालत जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआई में COA की जिम्मेदारी लंबे दिनों तक चलेगी. उऩ्होंने कहा कि बोर्ड में अभी भी बहुत कमियां हैं.
मैं हकीकत में रहने वाला इंसान हूं इसलिए मैं सही मायनों में बीसीसीआई में सीओए की जगह लंबे समय तक नहीं देखता हूं. उन्होंने कहा कि हम BCCI को एक स्ट्रक्चर देना चाहते हैं. जो बीसीसीआई के पास अभी नहीं है. यह निजी तौर पर चलाई जाती है. हमें इसमें एक संरचना लागू करना चाहते हैं. जिसके बाद बोर्ड काम करने का एक तंत्र हो.
उन्होंने कहा सभी संघों के अपने-अपने अलग विचार हैं और वे सिफारिशों के खिलाफ केस दायर किए हुए हैं. हमने उन्हें कहा है कि एक दिन अदालत इन सभी विरोधों को बाहर फेंक देगी. आप एजीएम नहीं चाहते, ठीक है तो नए संविधान को लागू करें, लेकिन इसे भी मानने को तैयार नहीं है. हम अदालत को बता देगें कि 20 में से 18 सिफारिशों को लागू किया गया है और यह अदालत पर है कि वह क्या निर्णय करे.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राय के अलावा भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुल्जी, इतिहासकार रामचंद गुहा, आईडीएफसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम लिमए को सीओए सदस्य नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि यह समिति बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को सही तरीके से लागू कर सके.