India Debt In Narendra Modi Era: नरेंद्र मोदी के राज में देश का कर्ज 49 प्रतिशत बढ़कर 82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

India Debt In Narendra Modi Era: एक रिपोर्ट का दावा है कि मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में देश का कर्ज 49 प्रतिशत बढ़ गया है. इसके बाद देश पर 82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. ये खुलासा केंद्र सरकार के कर्ज पर स्टेटस रिपोर्ट से हुआ. इस रिपोर्ट का आठवां संस्करण जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार में देश पर कर्ज बढ़ गया है.

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India Debt In Narendra Modi Era: नरेंद्र मोदी के राज में देश का कर्ज 49 प्रतिशत बढ़कर 82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

Aanchal Pandey

  • January 19, 2019 1:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कई ऐसी योजनाओं पर विचार कर रही है जिनसे लोगों को वोट के लिए लुभाया जाए. भाजपा सरकार देश में योजनाएं तो लागू कर रही है लेकिन इससे देश का राजकोषीय घाटा भी बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ एक खबर और आई है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश का कर्ज 49 प्रतिशत और ज्यादा हो गया है. दरअसल शुक्रवार को केंद्र सरकार के कर्ज पर स्टेटस रिपोर्ट का आठवां संस्करण जारी हुआ. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में देश का कर्ज 49 प्रतिशत बढ़ गया है. इसी के साथ देश का कर्ज अब 82 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वहीं वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जून 2014 में सरकार के पास आए आंकड़ों में कुल कर्ज 54,90,763 करोड़ रुपये था जो सितंबर 2018 में बढ़ गया. सितंबर में ये बढ़कर 82,03,253 करोड़ रुपये हो गया.

कहा जा रहा है कि सरकार पर कर्ज में बढ़ोतरी का कारण है कि जनता का कर्ज 51.7 प्रतिशत बढ़ गया है. ये पिछले साढ़े चार सालों में 48 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 73 लाख करोड़ रुपये हो गया है. बता दें कि जनता के कर्ज में ये इजाफा इंटरनल कर्ज के कारण हुआ है. इंटरनल कर्ज में 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जिससे ये लगभग 68 लाख करोड़ रुपये हो गया है. बता दें कि सरकार की इसी अवधि में मार्केट कर्ज 47.5 प्रतिशत बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2014 के अंत तक गोल्ड बॉन्ड के जरिये कोई कर्ज नहीं लिया गया था. साथ ही गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के साथ ये कर्ज 9,089 करोड़ रुपये ही है.

अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी और कहा कि केंद्र सरकार ने अपने कर्ज पर स्टेटस रिपोर्ट में सरकार के सभी कर्जों का विस्तृत ब्योरा दिया है. बता दें कि 2010-11 से सरकार के कर्ज पर रिपोर्ट जारी की जा रही है. इस साल जारी रिपोर्ट में कहा गया कि देश का कर्ज लगातार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीने में नवंबर तक राजकोषीय घाटा 7.17 लाख करोड़ रुपये और पूरे साल के 6.24 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 114.8 प्रतिशत रहा है.

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