बाहुबली को टक्कर देंगे सचिन रमेश तेंदुलकर

मुंबई. भारतीय सिनेमा इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हो रही फिल्म बाहुबली ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 250 करोड़ में बनी इस फिल्म की कमाई 1 हजार करोड़ पार हो चुकी है और माना जा रहा है कि यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाएगा.

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बाहुबली को टक्कर देंगे सचिन रमेश तेंदुलकर

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  • May 10, 2017 8:47 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई.  भारतीय सिनेमा इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हो रही फिल्म बाहुबली ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.  250 करोड़ में बनी इस फिल्म की कमाई 1 हजार करोड़ पार हो चुकी है और माना जा रहा है कि यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाएगा.
लेकिन 26 मई को एक ऐसे शख्स पर बनी फिल्म रिलीज होने जा रही है जिसने भारत का नाम उस समय ऊंचा किया था जब देश में घोर निराशा छाई हुई थी. हम बात कर रहे हैं कि सचिन रोमेश तेंदुलकर की.
मास्टर ब्लास्टर, भारतीय रन मशीन, लिटिल मास्टर, जैसे नामों से पूरी दुनिया में मशहूर सचिन उस दौर में महानायक बनकर उभरे थे जब भारत के पास दुनिया को दिखाने लायक कुछ नहीं था.
यह वह वक्त था देश की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी. भ्रष्ट राजनीतिक मकड़जाल और केंद्र में अस्थिरता के दौर से जूझ रहे देश को अपनी साख बचाने के लिए सोना तक गिरवी रखना पड़ा था.
बेरोजगारी से युवाओं में निराशा थी. देश में उनका कोई रोल मॉडल नहीं था. फिल्मी पर्दों के नायकों से देश उब चुका था. क्रांतिकारियों की कहानियां पन्नों में ही सिमटने लगीं थी. तभी एक देश में दो घटनाएं हुईं.
पहली केंद्र में आई नरसिम्हा राव की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी दुनिया को खोल दिया और दूसरी सचिन की बल्लेबाजी के आगे अंतराष्ट्रीय टीमें पस्त होने लगीं थीं. जब सचिन दूसरे देशों के गेंदबाजों की धुनाई करते तो निराशा में डूबे भारत में नई ऊर्जा आ जाती.
जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही थी सचिन भी एक ब्राण्ड बनते जा रहे थे.  पूरे देश में ऐसा माहौल बनने गया था कि जिस मैच में सचिन जल्दी आउट हो जाते तो ऐसा लगता कि भारत मानो सब कुछ हार गया हो.
उनके आउट होने के बाद स्टेडियम खाली होने लगता, आगजनी शुरू हो जाती है. ऐसी दिवानगी अभी तक यूरोपीय देशों में फुटबॉल के मैच में देखी जाती थी. दरअसल भारत को एक नया रोल मॉडल मिल गया था.
क्रिकेट के मैदान से विज्ञापन जगत तक सचिन नाम के ब्राण्ड की धूम मच गई थी. कंपनियों को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए सचिन का ही सहारा था. सचिन सबका सपना बन गए. हर कोई चाहने लगा कि उनका बेटा सचिन जैसा बने.
सचिन की शादी से लेकर उनकी कमाई की खबरें अखबारों की हेडलाइन होती थीं. बदलते भारत में सचिन उम्मीदों की एक मात्र किरण थे. 24  सालों के क्रिकेट करियर में 22 कदमों की पिच पर चलकर सचिन ने भारत की ओर से पहले अंतरराष्ट्रीय ब्राण्ड बने हैं.
उनके जिंदगी पर बनी फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ रिलीज होगी. जिसमें उनके जिंदगी से जुड़े हर पहलू को लोग पर्दे पर देखेंगे. हालांकि यह फिल्म डॉक्यूमेंट्री की तरह होगी और इसका बजट भी कोई भारी-भरकम नहीं है.
लेकिन यह फिल्म इसलिए बाकियों पर भारी पड़ सकती है क्योंकि यह ऐसे नायक पर बनी फिल्म है जिसने 24 साल भारत की उम्मीदों को जिया है और शायद उन्हीं की वजह लोगों ने क्रिकेट को धर्म और उनको अपना भगवान माना.
 

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