Uddhav Thackeray on Shivaji Memorial Delay: शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे स्मारक के निर्माण में हो रही देरी से नाराज है. साथ ही शिवसेना ने इन स्मारक पर उठ रहे सवालों का तीखा जवाब दिया है. उन्होंने कहा यदि बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो हिंदुओं को भी नमाज पढ़नी पड़ती. नाराज शिवसेना ने राज्य सरकार पर भी निशाना साधा है.
मुंबई. महाराष्ट्र में भाजपा सरकार में सहयोगी की भूमिका निभा रही शिवसेना सरकार ने नाराज है. ये नाराजगी शिवाजी स्मारक के निर्माण में हो रही देरी के कारण है. इसको लेकर एक बार फिर शिवसेना ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि क्यों राज्य सरकार इस मुद्दे पर अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं रख पा रही है? साथ ही स्मारक पर उठ रहे सवालों का भी शिवसेना ने तीखा जवाब दिया है. शिवसेना ने शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे स्मारक के निर्माण को लेकर राज्य की भाजपा नेतृत्व सरकार पर निशाना साधा. शिवसेना ने कहा, ‘सरकार उच्चतम न्यायालय के सामने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने में असफल क्यों रही? सरकार चुनावों में जीत के लिए खरीद-फरोख्त करने जैसे अन्य मुद्दों पर कभी असफल नहीं होती इसके बावजूद इस मुद्दे में असफल रही.
शिवसेना ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर शिवाजी स्मारक का निर्माण रोक दिया है. ये बार-बार हो रहा है जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार स्मारक बनाने को लेकर गंभीर नहीं है?’ स्मारक पर उठ रहे सवालों पर नाराज शिवसेना ने जवाब में कहा, ‘कुछ लोग पूछते हैं छत्रपति शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे के स्मारक का क्या इस्तेमाल है? छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं होते तो पाकिस्तान की सीमा तुम्हारी दहलीज तक आ गई होती और बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो हिंदुओं को भी नमाज पढ़नी पड़ती.’
इसके अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार के काम गिनवा कर सवाल करते हुए कहा, ‘गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बिना किसी पर्यावरणीय या तकनीकी मुद्दे के सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया. सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया और इसी तरह तीन तलाक का मुद्दा हल किया जबकि अयोध्या में राम मंदिर और मुंबई में शिवाजी स्मारक के निर्माण का मुद्दा अब भी अनसुलझा है.’