New Supreme Court Judge: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति हो गई है. दोनों की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई है. हालांकि दोनों के नाम की सिफारिश आने के बाद इसका विरोध किया गया लेकिन विरोध के बावजूद भी ये नियुक्ति की गई है. दरअसल कोर्ट ने पहले किन्हीं और दो हाई कोर्ट जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की बात की थी लेकिन बाद में ये नाम बदले गए जिस कारण विरोध शुरू हुआ.
नई दिल्ली. सरकार ने एक अधिसूचना जारी किया. इस अधिसूचना में बताया गया है कि हाई कोर्ट के दो जज संजीव खन्ना और दिनेश माहेश्वरी को बतौर सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त कर लिया गया है. हालांकि दोनों की नियुक्ति पर विवाद चल रहा था लेकिन विवादों के बीच दोनों की नियुक्ति कर ली गई है. विवाद नियुक्ति के लिए कई जजों की वरिष्ठता की अनदेखी के कारण हुआ था. लेकिन सभी विवादों को नजरअंदाज करनके दोनों की नियुक्ति कर दी गई. केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति किया और साथ ही एक सरकारी अधिसूचना में बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी कोसुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति किया गया. दोनों की नियुक्ति होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई है. हालांकी अभी भी सुप्रीम कोर्ट में तीन रिक्तियां हैं.
क्या था विवाद?
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कलीजियम ने दो हाई कोर्ट जजों को सुप्रीम कोर्ट भेजने की सिफारिश पर यू-टर्न ले लिया. पहले राजस्थान और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिसों प्रदीप नंद्राजोग और राजेंद्र मेनन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गई थी. बाद में कलीजियम ने इससे यू-टर्न ले लिया और उनकी जगह कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की. इसी के बाद विरोध शुरू हुआ. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसे मनमानी करार दिया और कहा इससे वो जज अपमानित महसूस करेंगे और उनका मनोबल गिरेगा जिनकी वरिष्ठता की अनदेखी की गई.
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज संजय किशन कौल ने सीजेआई रंजन गोगोई और कलीजियम के अन्य सदस्यों- जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस अरुण मिश्रा को पत्र लिखा. उन्होंने अपने पत्र में राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राजेंद्र मेनन की वरिष्ठता की अनदेखी किए जाने का मुद्दा उठाया.
साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज कैलाश गंभीर ने जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की कलीजियम की सिफारिश के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखा था. लेकिन विरोध के बाद भी बुधवार को दोनों जजों को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने जाने को मंजूरी दे दी गई. वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन एमके मिश्रा ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी को प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट भेजने के फैसले पर सवाल उठाए और कहा, ‘हमारा प्रतिनिधिमंडल कलीजियम से मिलेगा और अपने फैसले पर पुनर्विचार कर इसे वापस लेने के लिए कहेगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम धरने पर बैठ जाएंगे.’