Gurmeet Ram Rahim Verdict: आज सीबीआई अदालत गुरमीत राम रहीम को एक और केस में सजा सुनाएगी. ये सजा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के 16 साल पुराने हत्याकांड मामले में सुनाई जाएगी. पहले ही राम रहीम जेल में 20 साल की सजा के बाद कैद है. आज सीबीआई कोर्ट की सजा के बाद उसकी कैद बढ़ सकती है. सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई जाएगी.
रोहतक. आज 16 साल पुराने हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में आज कोर्ट दोषी गुरमीत राम रहीम को सजा देगी. 16 साल पहल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या की गई थी. रामचंद्र छत्रपति ने अपने समाचार पत्र में गुरमीच राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा में चल रहे गलत कामों का खुलासा किया था. इसी के बाद एक साजिश के तहत रामचंद्र छत्रपति की हत्या कर दी गई. सीबीआई कोर्ट इस मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे चुकी है आज इस पर सजा सुना दी जाएगी.गुरमीत राम रहीम कई और मामलों में जेल में कैद है. उसे पहले ही 20 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. ऐसे में कोर्ट आज की सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाएगी. इस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत ने हरियाणा सरकार की अर्जी मंजूर करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का फैसला लिया. हरियाणा सरकार सजा के ऐलान के बाद हिंसा से बचने के लिए कानून व्यवस्था को आधार बनाते हुए राम रहीम को जेल से बाहर नहीं निकालना चाहती है.
इस मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट दोषी गुरमीत राम रहीम, कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाएगी इसमें दोषियों को प्रत्यक्ष तौर पर पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस समय राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. इसके अलावा तीन और दोषी अंबाला सेंट्रल जेल में हैं. बता दें कि 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला पंजाब और दिल्ली समेत कई इलाकों में राम रहीम के सेवकों ने आगजनी और तोड़फोड़ की. इसमें जान-माल का नुकसान हुआ था. इस बार इसी को रोकने के लिए सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जाएगी. इस हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम और कृष्ण लाल आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) और 302 के तहत दोषी पाए गए. वहीं कुलदीप सिंह और निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 (हत्या की सजा) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाए गए. इसके अलावा निर्मल सिंह आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 और कृष्ण लाल आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिए गए.