Mahatma Gandhi Peace Prize Winners Announced: नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 से 2018 तक कुल 4 साल के गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति ने 2015 का गांधी शांति पुरस्कार कन्याकुमारी के विवेकानंद केंद्र, 2016 का गांधी शांति पुरस्कार अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को संयुक्त रूप से, 2017 का गांधी शांति पुरस्कार एकल अभियान ट्रस्ट और 2018 का गांधी शांति पुरस्कार जापान के निप्पन फाउंडेशन के चेयरमैन और कुष्ठ उन्मूलन पर काम करने वाले योही सासाकावा को देने का फैसला किया है. पुरस्कार में 1 करोड़ की ईनाम राशि भी दी जाती है.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से 2017 तक के लिए चार साल के गांधी शांति पुरस्कार का ऐलान कर दिया है. 2015 का गांधी शांति पुरस्कार कन्याकुमारी के विवेकानंद केंद्र को, 2016 का गांधी शांति पुरस्कार अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को, 2017 का गांधी शांति पुरस्कार एकल अभियान ट्रस्ट को और 2018 का गांधी शांति पुरस्कार कुष्ठ रोग के खिलाफ लड़ने वाले जापानी नागरिक और निप्पन फाउंडेशन के चेयरमैन योही सासाकावा को देने का ऐलान किया है. महात्मा गांधी की 125वीं जयंती पर 1995 में शुरू हुए इस पुरस्कार के तहत भारत सरकार अहिंसा और गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव लाने वाले विजेताओं को 1 करोड़ की नगद राशि देती है. 2014 में मोदी सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को गांधी शांति पुरस्कार दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को गांधी शांति पुरस्कार चयन समिति की बैठक हुई जिसकी जूरी में पीएम के अलावा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद और पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी ने विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से चार साल के विजेताओं का चयन किया. संस्कृति मंत्रालय के तहत चलने वाले इस पुरस्कार में तहत विजेताओं को ईनाम में 1 करोड़ रुपए की राशि के अलावा प्रशस्ति पत्र और हैंडलूम या हैंडीक्राफ्ट का एक उत्कृष्ट उपहार भी दिया जाता है.
#GandhiPeace Prize for 2015,2016,2017 and 2018 announced. https://t.co/z7TQhB1Nda pic.twitter.com/lZW1gWXkLG
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) January 16, 2019
गांधी शांति पुरस्कार 2015 का विजेता विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी– 2015 का गांधी शांति पुरस्कार का विजेता तमिलनाडु के कन्याकुमारी से संचालित होने वाला विवेकानंद केंद्र है जिसकी स्थापना 7 जनवरी, 1972 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े प्रचारक एकनाथ रानाडे ने की थी. पी. परमेश्वरन इसके मौजूदा मुखिया हैं. स्वामी विवेकानंद के विचारों पर चलने वाला विवेकानंद केंद्र योग, सेमिनार के अलावा ग्रामीण विकास के काम करता है. संगठन ने महाबलीपुरम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और बायोगैस प्लांट भी लगाया है.
गांधी शांति पुरस्कार 2016 का विजेता अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल– सरकार ने 2016 का गांधी शांति पुरस्कार संयुक्त रूप से अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशन को देने का फैसला किया है. साल 2000 में शुरू हुए अक्षय पात्र फाउंडेशन के चेयरमैन मधु पंडित दास हैं जो बेंगलुरू के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष भी हैं. अक्षय पात्र फाउंडेशन देश भर के स्कूलों में छात्र-छात्राओं के बीच मिड-डे मील नाम से चलने वाली दोपहर के भोजन की योजना में शामिल एनजीओ है. इसके अलावा संगठन कई सामाजिक कार्य करती है. वहीं सुलभ इंटरनेशनल को ये पुरस्कार स्वच्छता और हाथ से मैला ढोने वालों के उत्थान के लिए काम करने के लिए दिया गया है. सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना बिन्देश्वर पाठक ने 1970 में की थी और देश भर में इसके कई सार्वजनिक शौचालय चलते हैं.
गांधी शांति पुरस्कार 2017 का विजेता एकल अभियान ट्रस्ट– सरकार ने 2017 का गांधी शांति पुरस्कार आदिवासी इलाकों में एकल विद्यालय चलाने वाले एकल अभियान ट्रस्ट को देने का फैसला किया है. 1986 से चल रहे इस अभियान के तहत देश के आदिवासी इलाकों में 52000 से ज्यादा एक शिक्षक वाले स्कूल चल रहे हैं. अनुमान है कि एकल विद्यालयों में 60 हजार गांवों के करीब 15 लाख वनवासी बच्चे पढ़ रहे हैं. इस ट्रस्ट के चेयरमैन सजन कुमार बंसल हैं.
गांधी शांति पुरस्कार 2018 के विजेता जापान के योही सासाकावा– सरकार ने 2018 का गांधी शांति पुरस्कार जापानी नागरिक और निप्पन फाउंडेशन के चेयरमैन योही सासाकावा को देने का फैसला किया है. योही सासाकावा कुष्ठ उन्मूलन के क्षेत्र में पूरी दुनिया में काम करने के लिए ये पुरस्कार देने का फैसला हुआ है. योही सासाकावा कुष्ठ उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के गुडविल राजदूत भी हैं. सासाकावा को 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने गांधी मेमोरियल लेप्रसी फांउडेशन के द्वारा मिलने वाला 2006 का अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार भी दिया था. भारत में सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन कुष्ठ रोगियों के बीच काम करता है.