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China Grows Plants On The Moon: चीन का कमाल, चांद पर बीज से अंकुरित होकर पनपा कपास का पौधा

China Grows Plants On The Moon: 12 जनवरी को चांद पर गए एक यान से फोटो आई है जिसमें दिख रहा है कि चीन ने नौ दिन पहले चांद पर जो बीज भेजे थे उससे एक पौधा अंकुरित हो गया है. इस बारे में जानकारी इस प्रोजेक्ट को करने वाले विश्वविद्यालय ने दी है. ये कपास का पौधा है. चीन ने इसी के साथ एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है.

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plant on moon
  • January 16, 2019 3:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. China Grows Plants On The Moon: चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने अपने एक चंद्र मिशन के तहत चांद पर पहली बार पौधा उगाया है. बायलॉजिकल प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले चोंग्किंग विश्वविद्यालय ने 12 जनवरी को अंतरिक्ष ये आई उन फोटो को अब जारी किया है जिनमें प्रयोग शुरू होने के नौ दिन बाद पौधा अंकुरित होते दिख रहा है. बायोप्सी परीक्षण में कपास, कैनोला, आलू, अरेबिडोप्सिस, खमीर और फ्रूट फ्लाई अंतरिक्ष में चांद पर भेजा गया था. ये फसलें हाई वैक्यूम, तापमान के अंतर और तेज रेडिएशन के संपर्क में थीं.

चंद्रमा के दूसरे हिस्से में अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बनने के बाद चीन ने चांद पर पौधा अंकुरित करने का एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. चीन अब अपने आगे के अध्ययन करने से पहले चांद से कुछ नमूनों को वापस लाने के लिए चार और मिशनों की योजना बना रहा है. चीन ने इस साल के अंत तक चांद पर यान भेजने के लिए एक और मिशन की योजना तैयार की है. सोमवार को बीजिंग में एक ब्रीफिंग में चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के उप प्रशासक वू यानहुआ ने कहा, ‘कम से कम दो यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे और शोध करेंगे. हम कुछ तकनीकों का परीक्षण करने और संयुक्त रूप से चंद्रमा पर एक अनुसंधान करने के लिए कुछ प्रारंभिक रिसर्च के लिए यान उतारेंगे.

बता दें कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिए अपनी पहचान कायम रखने में जुटी है. क्योंकि मंगल ग्रह पर खोज करने की दौड़ में वो अमेरिका से पीछे है. आर्थिक, तकनीकी और सैन्य प्रभुत्व के लिए दोनों देश अपनी ताकत दिखाने और जुटाने में लगे हैं. 8 बिलियन डॉलर के वार्षिक अंतरिक्ष बजट के साथ अमेरिका के बाद केवल दूसरा देश चीन ही है जो लाल ग्रह पर एक जांच करने और 2022 तक अपना स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करने के लिए तैयार है.

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