IL&FS Provident Fund loss: IL&FS का संकट गहराया, डूब सकते हैं प्रोविडेंट फंड के 20 हजार करोड़ रुपये

IL&FS Provident Fund loss: IL&FS को मिले बैंकों, म्यूचुअल फंडों और अन्य वेल्थ मैनेजमेंट स्कीमों से कर्जों के कारण एक बडी रकम डूब सकती है. रिटायरमेंट फंड पूरी तरह से अपारदर्शी होते हैं जिस कारण फंसी रकम का पूरा आकलन नहीं किया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये रकम 20 हजार करोड़ रुपये तक के आंकड़े तक पहुंच सकती है.

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IL&FS Provident Fund loss: IL&FS का संकट गहराया, डूब सकते हैं प्रोविडेंट फंड के 20 हजार करोड़ रुपये

Aanchal Pandey

  • January 16, 2019 1:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हाल ही में खुलासा हुआ है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज यानी आईएलऐंडएफएस, IL&FS में लोगों के 20 हजार करोड़ रुपये डूब सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें रिटायरमेंट फंड्स की रकम भी शामिल है. बता दें कि IL&FS वित्तीय संकट से गुजर रही है. इसमें डूबने वाली रकम में बैंकों, म्यूचुअल फंडों और अन्य वेल्थ मैनेजमेंट स्कीमों के कर्जों की रकम शामिल है. दरअसल प्रोविडंट और पेंशन फंडों ने IL&FS को मिली एएए रेटिंग के आधार पर कर्ज देने का फैसला किया था. साथ ही कंपनी को बॉन्ड्स खरीदने की अनुमति भी दी जा रही थी.

लेकिन अब कंपनी की आर्थिक समस्या के कारण कई लाख मध्य वर्गीय वेतनभोगियों के प्रोविडंट और पेंशन फंड्स के डूबने का खतरा है जो की कई हजारों करोड़ रुपयों तक आंकि जा रही है. विशेषज्ञों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज यानी आईएलऐंडएफएस, IL&FS और इसकी सभी ग्रुप कंपनियों में आम जनता के प्रोविडंट और पेंशन फंड्स के 15 से 20 हजार करोड़ रुपये लगे हुए हैं. इस बारे में तीन लोगों ने बताया है. लोगों की रकम डूबने के खतरे के साथ ही कहा जा रहा है कि कितनी रकण इसमें फंसी है इसका सही आकलन नहीं हो पा रहा है क्योंकि ये फंड बिल्कुल अपारदर्शी होते हैं.

हालांकि विशेषज्ञों का दावा है कि रकम डूबने का आंकड़ा 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. ये वो रकम है जो IL&FS को बैंकों, म्यूचुअल फंडों और अन्य वेल्थ मैनेजमेंट स्कीमों से प्राप्त हुई है. विशेषज्ञों ने इससे जुड़ी जानकारी निकालते हुए कहा, ‘IL&FS को कर्ज देने वालों को 11,300 करोड़ रुपये से लेकर 28,500 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना होगा. रेग्युलेटरी फाइलिंग से पता चला है कि IL&FS पर 91 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. इस कर्ज का 61 प्रतिशत बैंक लोन और 33 प्रतिशत डिबेंचरों और कमर्शल पेपरों के जरिए लिा गया है. IL&FS में सबसे ज्यादा पैसा यस बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का फंसा है. लेकिन इनकी कितनी रकम फंसी है इस बारे में जानकारी नहीं मिली है. IL&FS की ओर से इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया है.

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