West Bengal BJP Rath Yatra: पश्चिम बंगाल में भाजपा को रथ यात्रा करने की अनुमति नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को राज्य में सभा या रैली स्थान, दिन और संभावित भीड़ की जानकारी समय रहते राज्य सरकार को देनी होगी और इसके बाद राज्य सरकार कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अनुमति देगी.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा मामले में फैसला सुना दिया है. बीजेपी को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी को पश्चिम बंगाल में रथयात्रा करने की अनुमति नहीं दी है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस रथयात्रा पर राज्य सरकार की चिंता और सरकार की तरफ से खड़े किए गए सवाल निराधार नहीं हैं. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए की भाजपा अपनी सभाओं और रैलियों की जानकारी और कार्यक्रम के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे. दूसरी ओर कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि बीजेपी के नए प्रस्ताव पर संवैधानिक प्रावधान को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाए.
बता दें मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि पुलिस और खुफिया जानकारी के मुताबिक राज्य में बीजेपी की रथयात्रा होने पर कानून व्यवस्था में परेशानी हो सकती है. लेकिन सरकार को पार्टी की छोटी-बड़ी सभा से कोई परेशानी नहीं है. वहीं भाजपा ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि रथयात्रा के लिए 40 दिनों का कार्यक्रम प्रस्तावित था पर अब राज्य सरकार के कारण उसमें कटौती भी कर दी गई है.
दरअसल दिसंबर 2018 में बीजेपी पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने वाली थी. इस यात्रा में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होने वाले थे. कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए ममता बनर्जी की राज्य सरकार ने यात्रा पर रोक लगा दी थी. राज्य सरकार की रोक के खिलाफ भाजपा ने हाई कोर्ट में अपील की. इसके बाद हाई कोर्ट से भाजपा को अनुमति मिली लेकिन डिविजन बेंच ने रथयात्रा पर रोक लगा दी. फिर बीजेपी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए रथयात्रा की अनुमति नहीं दी. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पश्चिम बंगाल के वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी राज्य में 3 रथयात्राएं करना चाह रही थी. ये यात्राएं दिसंबर में होनी थी लेकिन राज्य सरकार और हाईकोर्ट से अनुमति न मिलने के कारण रथयात्रा नहीं निकल पाई.