आज़ादी के 70 साल बाद भी इस गांव में बिजली नहीं

किसी शहर या महानगर में अगर एक दिन भी बिजली गुल हो जाए तो क्या होगा ? 40 डिग्री से ज्यादा ताप वाली गर्मी लोग कैसे झेल पाएंगे ? उजाले में रहने वाले अंधेरी रात कैसे काटेंगे ? ऐसे कई सवाल हमारे और आपके मन में घूमने लगते हैं. लेकिन इसी देश में एक ऐसा भी गांव है.

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आज़ादी के 70 साल बाद भी इस गांव में बिजली नहीं

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  • May 6, 2017 5:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: किसी शहर या महानगर में अगर एक दिन भी बिजली गुल हो जाए तो क्या होगा ? 40 डिग्री से ज्यादा ताप वाली गर्मी लोग कैसे झेल पाएंगे ? उजाले में रहने वाले अंधेरी रात कैसे काटेंगे ? ऐसे कई सवाल हमारे और आपके मन में घूमने लगते हैं. लेकिन इसी देश में एक ऐसा भी गांव है.
 
इस गांव में कभी बिजली नहीं आई. टीवी, फ्रिज और AC का इन्होंने नाम भी नहीं सुना है. यूपी के सीएम योगी के गृहजिला गोरखपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर इस गांव ने कभी भी बल्ब की रोशनी नहीं देखी. रात में उजाले को एहसास नहीं किया. अंधेरी रात में यहां ढिबरी से ही रोशनी होती है.
 
यही टिमटिमाती लौ करीब हजार लोगों की आधी जिंदगी की उम्मीद है. जमुआन के इसी घर के दूसरे कमरे में भी हम गए. वहां की हालत देख हम सिहर गए. अंधेरे कमरे में छप्पर से एक ढिबरी लटक रही थी और छोटे-छोटे बच्चे गर्मी में सो रहे थे.
 
21वीं सदी का हिंदुस्तान ऐसी तस्वीर की शायद कल्पना भी नहीं कर सकता. कुछ लोगों ने ऐसी तस्वीर फिल्मों में ही देखी होगी. लेकिन जमुआन गांव में सूरज ढलते ही रोशनी ढिबरी से निकलती है . सांझ होते ही यहां करीब 150 घरों में ढिबरी जल जाती है. रसोई में ढिबरी जलती है, तो चूल्हा जलता है. इसी रोशनी के सहारे लोग खाना पकाते और खाते हैं. बच्चे भी ढिबरी की टिमटिमाती लौ के सहारे पढ़ाई करते हैं.

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