16 साल के बच्चे ने बनवा दी NIKE की यह तकनीक

नई दिल्ली. जूतों की दुनिया में नाम कमा चुके ‘नाइके’ ने अपनी फ्ल्येअसे (Flyease technology) डिजाइन से फिर सुर्खियां बटोर ली है. ये डिजाइन मुख्य रुप से मस्तिष्क पक्षघात से पीड़ित लोगों के लिए ‘नाइके’ ने उतारा है. कंपनी के सीईओ मार्क पार्कर ने इसे बनाने के पीछे की कहानी भी बताई है.मार्क ने कहा […]

Advertisement
16 साल के बच्चे ने बनवा दी NIKE की यह तकनीक

Admin

  • July 15, 2015 11:56 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. जूतों की दुनिया में नाम कमा चुके ‘नाइके’ ने अपनी फ्ल्येअसे (Flyease technology) डिजाइन से फिर सुर्खियां बटोर ली है. ये डिजाइन मुख्य रुप से मस्तिष्क पक्षघात से पीड़ित लोगों के लिए ‘नाइके’ ने उतारा है.

कंपनी के सीईओ मार्क पार्कर ने इसे बनाने के पीछे की कहानी भी बताई है.मार्क ने कहा कि उन्हें एक बार फ्लोरिडा के मैथ्यू वाल्ज़ेर से खत मिला था. इस खत में मैथ्यू ने अपनी मस्तिष्क पक्षघात का जिक्र किया था और कहा था कि वह कुछ सालों बाद कॉलेज जाएंगे और वहां उनके जूते की लेस लगाने के लिए कोई नहीं होगा. तब मार्क ने नाइके के एथलीट इनोवेशन के सीनियर डॉयरेक्टर टोबी हत्फ़िएल्द के साथ मिलकर फ्ल्येअसे डिजाइन तैयार की.

पक्षाघात (स्ट्रोक) 

पक्षाघात तब लगता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है. पक्षाघात में आमतौर पर शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है या दुर्बलता आ सकती है.

Tags

Advertisement