नई दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल में एक महिला के दो बच्चे पैदा होने पर और उसे एक बच्चा सौंपने के आरोप में दिल्ली महिला आयोग ने एम्स के डायरेक्टर को नोटिस जारी किया है. वहीं दिल्ली मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखकर केस की स्पष्टीकरण रिपोर्ट मांगी है. साथ ही दिल्ली पुलिस को एफआईआर न दर्ज करने पर पुलिस को नोटिस भी जारी किया है.
दिल्ली पुलिस ने महिला आयोग को बताया है कि इस केस में स्पष्टीकरण के लिए केस की रिपोर्ट एम्स के डायरेक्टर और दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भेजी गई है. दिल्ली पुलिस ने इस केस में एम्स से एक बोर्ड बनाने के लिए भी कहा है ताकि इस केस के सही तथ्य सामने आ सके.
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर सफदरजंग अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की रिकमेंडेशन दी थी. लेकिन पुलिस ने अभी तक अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है. इसलिए पुलिस को दोबारा नोटिस देकर एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि दो बच्चे पैदा होने और एक बच्चा सफ़दरजंग अस्पताल द्वारा चोरी करने की शिकायत करने वाली महिला का कहना था कि उसने जिस प्राइवेट लैब में अल्ट्रासाउंड करवाया था. उसने भी अपनी रिपोर्ट में दो भ्रूण होने की बात कही थी. दिल्ली महिला आयोग नेभी उस लैब सेंटर को नोटिस जारी कर इस केस से संबंधित रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर लैब सेंटर ने दो भ्रूण होने की रिपोर्ट आयोग के पास भेजी थी.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि इस केस में प्राइवेट लैब सेंटर ने दो भ्रूण होने की बात कही थी. पुलिस को इस केस में एफआईआर करके जांच शुरु कर देनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस अभी स्पष्टीकरण मांग रही है. इसलिए दोबारा पुलिस को नोटिस दिया गया है. आयोग ने एम्स और दिल्ली मेडिकल काउन्सिल से स्पष्टीकरण रिपोर्ट मांगी है.