अब व्हाट्सएप और ई-मेल से भी समन भेजा जा सकेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में इसे न्यायिक प्रक्रिया में शामिल करने को मंजूरी दे दी
नई दिल्ली: अब व्हाट्सएप और ई-मेल से भी समन भेजा जा सकेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में इसे न्यायिक प्रक्रिया में शामिल करने को मंजूरी दे दी. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ की पीठ ने कहा कि वादी चाहे तो प्रतिवादी को व्हाट्सएप और ई-मेल के जरिए समन भेज सकता है.
पीठ ने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से हलफनामा भी दिया जा सकता है. पीठ ने यह आदेश टाटा संस की याचिका पर दिया है. टाटा संस ने आरोप लगाया था कि उसकी छवि को धूमिल करने के लिए 2015 में आधारहीन ई-मेल किए गए थे. इन ई-मेल करने वालों की पहचान नहीं हो पाई थी. पीठ ने चार लोगों में से तीन को उनके पतों पर समन भेजे. हालांकि ये पते अधूरे निकले.
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वहीं चौथे प्रतिवादी को ई-मेल, एसएमएस और व्हाट्सएप पर समन भेजा गया. लेकिन प्रतिवादी ने उत्तर नहीं दिया. पीठ ने माना है कि ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि प्रतिवादी अपनी जिम्मेदारी को समझे. आज के दौर में मोबाइल कम्युनिकेशन का सुलभ माध्यम है. इसलिए व्हाट्सएप, ई-मेल और एसएमएस के जरिए समन करना न्यायसंगत है.
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इसलिए इसे न्यायिक प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि कोर्ट के मामलों में ऐसा कई बार देखने को मिला है प्रतिवादी को कोर्ट पोस्ट के माध्यम से समन भेजता है लेकिन लोग उसका जवाब नहीं देते हैं. किसी का पता चेंज हो जाता है. जिसके बाद कोर्ट ने अब व्हाट्सएप और ई-मेल से भी समन भेजने की प्रक्रिया को हाई कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है.