SC issues notice to UP government: उत्तर प्रदेश में सालों बाद सत्ता में आई भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार में कई तरह के बदलाव हुए. सरकार ने आते ही क्राइम से निपटने के लिए कई तरीके अपनाए. यूपी पुलिस ने भी सरकार बनते ही राज्य में लगातार कई एनकाउंटर किए. हालांकि इस पर योगी सरकार अब फंस गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार के खिलाफ एक नोटिस जारी कर दिया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद क्राइम से निपटने के लिए पुलिस ने राज्य में लगातार ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए. इन्हीं एनकाउंटर को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की भाजपा सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि यूपी में मुठभेड़ों के नाम पर की गई हत्याओं की सीबीआई या एसआईटी जांच की निगरानी कोर्ट करे.
इस पर आज सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है. इस मामले पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी. बता दें कि योगी सरकार ने इन एनकाउंटर पर एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था. इस हलफनामें में उन्होंने सभी एनकाउंटर की विस्तृत जानकारी दी थी. इस हफनामें से सरकार और यूपी पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने राज्य में अब तक की गई मुठभेड़ों में 48 अपराधियों का मार गिराया.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में सरकार ने अपराधियों के मारे जाने के अलावा ये भी बताया कि इन एनकाउंटर में बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में 4 पुलिसकर्मियों की मौत भी हुई. कहा गया कि मारे गए बदमाशों में 30 बहुसंख्यक समुदाय के और 18 बदमाश अल्पसंख्यक समुदाय से थे. कोर्ट को बताया गया था कि इस दौरान 98,526 अपराधियों ने सरेंडर भी किया और 3,19,141 अपराधी गिरफ्तार किए गए. इन सभी मुठभेड़ों में 319 पुलिसकर्मी घायल हुए और 409 अपराधी जख्मी हुए.