नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी चार दोषियों को मिली मौत की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट के फैसले के बाद इस केस के चारो दोषियों यानी मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय और अक्षय को फांसी दी जाएगी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विश्वास नहीं होता कि ये घटना इसी धरती पर हुई है. कोर्ट का फैसला आने के बाद कोर्ट रूम में तालियां बजने लगी.
16 दिसंबर की उस मनहूस रात को क्या हुआ था?
– साल 2012 के आखिरी महीने की 16 तारीख जब दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ती है और शाम में ही देर रात जैसा माहौल बन जाता है, उस समय दिल्ली में एक दर्दनाक हादसा हुआ.
– पैरामेडिकल की एक छात्रा साकेत में अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर घर लौट रही थी. रात करीब 9 बजे वो द्वारका पहुंचे. उन्हें कोई पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं मिला तो उन्होंने एक चार्डर बस ले ली जो स्टैंड पर सवारी के लिए आवाज लगा रहा था.
– पीड़िता और उसके दोस्त ने देखा कि बस में चार लोग ड्राइवर केबिन के पास बैठे हैं और बाकी दो लड़के केबिन के पीछे हैं. दोनों ड्राइवर के पीछे वाली दूसरी सीट पर एक दूसरे के अगल-बगल बैठ गए और किराए के रूप में 20 रूपये भी दिए.
– बस जैसे ही एयरपोर्ट के पास फ्लाइओवर पर पहुंची तो बस में मौजूद दो लड़के पीड़िता के दोस्त के पास आए और उसे गाली देते हुए पूछने लगे कि इतनी रात को इस लड़की के साथ कहां जा रहा है?
– इस बीच एक युवक ने पीड़िता को दोस्त को पीटना शुरू कर दिया इसके बाद बाकी के दो लड़कों ने भी लोहे के रॉड से पीड़िता के दोस्त की पिटाई शुरू कर दी.
– पीड़िता जैसी ही अपने दोस्त के बचाव में आई वैसे ही दो लड़कों ने उसे पीछे की सीट पर धकेल दिया.
– इसके बाद बस में मौजूद लड़के पीड़िता के दोस्त की पीटते रहे और कुछ लड़के पीड़िता के साथ बलात्कार करते रहे.
– इन दरिंदों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ रेप किया बल्कि उसकी आंत तक बाहर निकाल दी.
– जब इन दरिंदों का मन भर गया तो दोनों को अधमरी हालत में उन्होंने महिपालपुर के पास एनएच-8 के पास चलती बस से फेंक दिया. लोगों ने दोनों को बिलकुल नग्न हालत में सड़क पर तड़पते हुए देखा और पुलिस को मामले की जानकारी दी.
– दोनों पीड़ितों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. लेकिन पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ती गई. सरकार ने पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर भेजा लेकिन वहां भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.