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10 Percent Reservation For Upper Caste: गुजरात बना गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य, आज से लागू

10 Percent Reservation For Upper Caste: गुजरात ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक को आज से लागू कर दिया है. आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिये भी प्रभावी होगी जिनके लिये विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई हो.

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gujrat implemented 10 percent reservation for upper caste
  • January 14, 2019 10:09 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली.गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना गुजरात आज से लागू ये विधेयक गुजरात में प्रभावी हो गया.सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और में रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब राज्यों में इसे लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिये भी प्रभावी होगी जिनके लिये विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई हो.

प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, 14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ ही सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. इस विज्ञप्ति में कहा गया कि आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिये भी प्रभावी होगी जिनके लिये विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू न हुई हो. ऐसे मामलों में दाखिला प्रक्रिया और नौकरियों के लिये नए सिरे से घोषणाएं की जाएंगी. विज्ञप्ति में कहा गया कि भर्ती या दाखिला प्रक्रिया – परीक्षा या साक्षात्कार- 14 जनवरी से पहले शुरू हो चुके हैं तो 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होगा. गुजरात सरकार के इस ऐलान के साथ ही विपक्षी पार्टियों ने इसपर सरकार की निंदा भी शुरू कर दी.

आपको बता दें कि सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 जनवरी को मुहर लगाई जिसके बाद आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के लिए 8 जनवरी को लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया था. लंबी बहस के बाद यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया. इसके अगले दिन राज्यसभा में इस संशोधन विधेयक को पेश किया गया और लंबी बहस के बाद यहां भी पास कर दिया गया. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति कोविंद के पास भेजा गया. जहां राष्ट्रपति कोविंद ने भी बिल पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी. यह आरक्षण अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को मिलने वाले 49.5 फीसदी आरक्षण से अलग है.

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