SP BSP Alliance: जानिए क्या था लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड, जिसे भूलकर मायावती ने किया अखिलेश यादव की सपा से गठबंधन

SP BSP Alliance: लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए सपा और बसपा का गठबंधन हो गया है. ऐसे में लखनऊ के ताज होटल में इस गठबंधन को लेकर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. इस प्रेस वार्ता के दौरान मायावती ने अखिलेश यादव के सामने लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड का तीन बार जिक्र किया. मायावती ने कहा कि देश हित को लेकर मैंने लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड को भूलकर सपा से गटबंधन के लिए हाथ बढ़ाया है.

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SP BSP Alliance: जानिए क्या था लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड, जिसे भूलकर मायावती ने किया अखिलेश यादव की सपा से गठबंधन

Aanchal Pandey

  • January 12, 2019 1:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

लखनऊ. देश में बहुत जल्द ही लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं. ऐसे में इन लोकसभा के आम चुनावों को मद्देनजर रखते हुए यूपी की 80 लोकसभा सीटों के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन हो गया है. फिलहाल लखनऊ के ताज होटल में इस गठबंधन को लेकर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. इस प्रेस वार्ता के दौरान मायावती ने अखिलेश यादव के सामने लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड का तीन बार जिक्र किया. मायावती ने कहा कि देश हित को लेकर मैंने लखनऊ गेस्ट हाऊस कांड को भूलकर सपा से गटबंधन के लिए हाथ बढ़ाया है. बता दे कि 23 साल बाद यह दोनों पार्टी एक साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान पर उतरेंगी.

गौरतलब है कि 1993 में सपा और बसपा ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया था और इस गठबंधन ने प्रदेश की सत्ता को अपने हाथ में लिया. लेकिन 1995 में बसपा ने सपा सरकार से गठबंधन को तोड़ दिया. इसके बाद मायावती ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली . उसके बाद 2 जून 1995 को बसपा मुखिया मायावती को शबक सिखाने के नाम पर सपा के नाराज विधायक और कार्यकर्ता लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाऊस पर पहुंच गये. जहां बसपा मुखिया मायावती पहले से ही मौजूद थी. ऐसे में सपा विधायक और कार्यकर्ता मायावती के साथ बदसूलकी करना शुरू कर दी थी. ऐसा माना जाता है कि उस दिन वह सब मायावती को जान से मारना चाहते थे. इसी घटना को गेस्ट हाऊस कांड कहा जाता है.

ऐसे में मायावती ने 23 साल की दुश्मनी को भुलाकर एक बार फिर से सपा के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. देखना यह होगा कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती का गठबंधन कितना कारगर साबित होता है.

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