लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के साथ ही कई बड़े फैसले किए. सीएम योगी ने कैबिनेट की पांचवी बैठक में ट्रांसफर नीति में बदलाव और ई-टेंडरिंग जैसे मुद्दे शामिल किए. इस बैठक में मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा 22 मंत्री भी शामिल हुए. साथ ही योगी सरकार ने फैसला किया है कि अब से 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाया जाएगा.
ट्रांसफर नीति में बदलाव
योगी सरकार ने बैठक में राज्य की ट्रांसफर नीति में बदलाव करने का फैसला लिया है. इसके तहत अब 30 जून तक राज्य कर्मचारियों के ट्रांसफर हो सकेंगे. नई तबादला नीति के तहत अब राज्य के हर जिले में तीन साल और मंडल में सात साल तक के कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जा सकेगा.
ग्रुप सी-डी के कर्मचारियों का तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे. हालांकि इसमें दिव्यांग कर्मचारियों को छूट मिलेगी. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार 1 जुलाई से जीएसटी लागू कर देगी. जल्द ही इसे विधानसभा में पास करा लिया जाएगा. इसके अलावा गोरखपुर में फर्टिलाइजर कारखाना बनाने का काम भी तेजी से किया जाएगा
सभी ठेके हों ई-टेंडर
योगी सरकार ने बैठक में सभी ठेकों को ई-टेंडर करने का फैसला लिया है. इससे ठेके देने की व्यवस्था में ट्रांसपेरेंसी आएगी. इसके लिए सरकार अगले तीन महीने में कार्यप्रणाली तैयार कर लेगी. सरकार ने पहले से चली आ रही मैनुअल टेंडरिंग सिस्टम को खत्म कर दिया है.
खनन पर केन्द्र की अधिसूचना लागू होगी
इसके अलावा खनन को लेकर योगी सरकार ने केन्द्र की अधिसूचना लागू करने का भी फैसला किया है. खनन पर सरकार ने 10 फीसदी टैक्स अतिरिक्त लगाने का फैसला किया है. सरकार ने कहा है कि खनन से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल उसी इलाके के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि योगी आदित्यनाथ यूपी में नौकरशाही को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर उनका उत्पीड़न नहीं करेगी. अब तक यूपी में अफसरों को बेवक्त ट्रांसफर का डर ही राजनेताओं का दरबारी बनने के लिए मजबूर करता था.
प्रशासनिक बदलाव के साथ-साथ यूपी की जनता में भी प्रदेश के लिए अपनापन और स्वाभिमान जगाने के लिए योगी सरकार ने हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाने का फैसला किया है और ये संदेश भी दिया है कि उनके लिए कोई सैफई जैसा कोई गांव या आगरा जैसा जिला नहीं, बल्कि पूरा प्रदेश महत्वपूर्ण है.