Ashok Gehlot Cancels MoU: राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अनिल अंबानी और अडानी समेत कई कारोबारियों को झटका दे दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 240 एमओयू रद्द करने का फैसला लिया है. इस बारे में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि इन्वेस्टर मीट के बाद पिछले तीन साल में केवल 124 एमओयू पर काम हुआ है. इनसे राजस्थान को 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश मिला. हालांकि कई बड़ी कंपनियों ने इसके तहत काम शुरू भी नहीं किया. ऐसी कंपनियों को अब नोटिस दिए जाएंगे. यदि कंपनियों को नोटिस भेजे जाने के बाद भी काम शुरू नहीं होता है तो उनके एमओयू रद्द होंगे.
जयपुर. राजस्थान सरकार जल्द ही 200 से ज्यादा एमओयू रद्द कर सकती है. राजस्थान सरकार ने रिसर्जेंट राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट के 200 से ज्यादा एमओयू निरस्त करने का फैसला लिया है. हालांकि ये फैसला अभी लागू नहीं किया जाएगा. इन 200 एमओयू में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस समूह और गौतम अडानी के अडानी ग्रुप के एमओयू भी शामिल है. अहम बात ये है कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिन एमओयू को रद्द करने का फैसला ले रहे हैं इनको वसुंधरा राजे ने बहाल किया था. नवंबर 2015 में वसुंधरा राजे सरकार ने इनवेस्टर समिट का आयोजन किया था. इसी के तहत 3.37 लाख करोड़ रुपये के 470 एमओयू तत्कालीन सरकार ने किए थे.
कांग्रेस सरकार द्वारा इन एमओयू को रद्द करने के मामले में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने जानकारी दी है. उनके अनुसार इन्वेस्टर समिट के बाद केवल 124 एमओयू पर पिछले तीन साल में काम हुआ है. इनसे राजस्थान को 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश भी मिला. हालांकि कई बड़ी कंपनियों ने इस पर काम शुरू भी नहीं किया. काम न शुरू करने वाली कंपनियों को नोटिस दिए जाएंगे. ये नोटिस जारी करने के बाद भी यदि काम नहीं शुरू हुआ तो उन कंपनियों के एमओयू रद्द किए जाएंगे. बता दें कि जिन कंपनियों ने एमओयू साइन किए थे उन कंपनियों को सरकार जमीन और टैक्स में रियायत देने वाली थी.
एमओयू साइन करने वाली कंपनियां पर्यटन, खनन और मेडिकल जैसे क्षेत्रों में काम करती. रिसर्जेंट राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट में साइन किए गए 240 एमओयू में ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होना था. इनमें पर्यटन, खनन और मेडिकल जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाना था. एमओयू साइन होने के बाद भी किसी भी कंपनी ने राजस्थान में निवेश करने में रूचि नहीं दिखाई. वहीं रिसर्जेंट राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट में टूरिज्म में 10,442 करोड़ रुपये के 221 एमओयू और मेडिकल में लगभग 2700 करोड़ रुपये के 14 एमओयू हुए थे. हालांकि किसी भी कंपनी का कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ. साथ ही माइंस के क्षेत्र में भी 76 हजार करोड़ के 25 एमओयू हुए. इनसे केवल 1500 करोड़ रुपये का निवेश आया.