VIDEO : वैज्ञानिको ने खोजा प्लास्टिक खाने वाला कीड़ा, साबित हो सकता है वरदान
प्रदूषण के मामले में प्लास्टिक आज दुनिया भर के लोगों के सिरदर्द बन चुका है. प्लास्टिक एक ऐसा कचरा है, जिसे खत्म कर पाने का इलाज दुनिया भर के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है. प्लास्टिक को प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक माना जाता है. मगर अब इस प्लास्टिक को जड़ से खत्म करने का भी उपाय मिल गया है. प्लास्टिक के खात्मे के मामले में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी.
April 27, 2017 11:28 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: प्रदूषण के मामले में प्लास्टिक आज दुनिया भर के लोगों के सिरदर्द बन चुका है. प्लास्टिक एक ऐसा कचरा है, जिसे खत्म कर पाने का इलाज दुनिया भर के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है. प्लास्टिक को प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक माना जाता है. मगर अब इस प्लास्टिक को जड़ से खत्म करने का भी उपाय मिल गया है. प्लास्टिक के खात्मे के मामले में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को ने प्लास्टिक को खत्म करने वाले जीव की पहचान कर ली है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमक्खी का छत्ता खा लेना वाला एक कैटरपिलर प्लास्टिक को भी खा सकता है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कैटरपिलर प्लास्टिकों को अपशिष्ट बनाने में मददगार होगा.
आपको बता दें कि कैटरपिलर गैलेरिया मेलोनेला के नाम से जाना जाता है, जो एक प्रकार का मोम कीड़ा होता है. यह के रूप में जाना जाता है. ये कैटरपिलर्स मधुमक्खियों के लिए परजीवी कीटनाशक के रूप में जाने जाते हैं.
हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि यह कीड़ा मधुमक्खी के छत्ते को वह पचाने में सक्षम है. यह कीड़ा प्लास्टिक बैग में पल भर के अंदर सुराख कर सकता है और उसे अपशिष्ट में बदल सकता है.
बता दें कि ये कीड़ा प्लास्टिक की केमिकल संरचना को उसी तरह से तोड़ देता है, जैसे मधुमक्खी के छत्ते को वह पचा लेता है. शोधकर्ताओँ को उम्मीद है कि इसकी मदद से प्लास्टिक की वजह से होने वाले प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाया जा सकेगा.
गौरतलब है कि प्लास्टिक प्रदूषण अन्य सभी प्रदूषणों में प्रमुख है. प्लास्टिक के खत्म होनें में सैकड़ों साल लग जाते हैं. अगर वैज्ञानिकों का यह शोध सफल होता है, तो प्रदूषण की दिशा में ये एक बड़ी उपलब्धि होगी.