अंतिम संस्कार में शामिल शख्स को आया लोन के लिए कॉल और फिर…

क्या आप भी सेलफोन पर आने वाली अनचाही कॉल्स से परेशान हैं, क्या आपको भी कस्टमर केयर वाले फोन कर परेशान करते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपको थोड़ा सुकून देगी. अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान एक शख्स के पास लोन का कॉल आया. शख्स ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी और कॉलर को पीड़ित को मुआवजा देने का फैसला सुना दिया.

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अंतिम संस्कार में शामिल शख्स को आया लोन के लिए कॉल और फिर…

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  • April 26, 2017 4:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

बड़ोदरा: क्या आप भी सेलफोन पर आने वाली अनचाही कॉल्स से परेशान हैं, क्या आपको भी कस्टमर केयर वाले फोन कर परेशान करते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपको थोड़ा सुकून देगी. अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान एक शख्स के पास लोन का कॉल आया. शख्स ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी और कॉलर को पीड़ित को मुआवजा देने का फैसला सुना दिया.

दरअसल, बड़ोदरा के कन्ज्यूमर कोर्ट ने टेलिकॉलर कंपनी आई-क्यूब और कॉलर कन्हैयालाल ठक्कर को अनचाही कॉल कर ग्राहक को परेशान करने के एवज में 20,000 रुपये मुआवजा अदा करने का फैसला सुनाया है. कॉलर सिटिबैंक का क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन बेच रहा था. जब कॉलर फोन के जरिए लोन की पेशकश कर रहा था, तब शिकायतकर्ता अपने रिश्तेदार की अंत्येष्टि में व्यस्त था. कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, कंपनी और कॉलर दोनों को 10-10 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा.
 
इतना ही नहीं, आई-क्यूब और वोडाफोन एस्सार गुजरात लिमिटेड को कन्ज्यूमर वेलफेयर फंड को 10,000 रुपयों की पेमेंट करने के लिए भी कहा गया क्योंकि शिकायतकर्ता ने टेलिकॉलर कंपनी के साथ उनका नाम, नंबर और व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने का भी आरोप लगाया था, जो उऩकी निजता का हनन है.
 
हैरान करने वाली बात ये है कि ये मामला साल 2007 का है. इतने पुराने मामले में अब जाकर फैसला हो पाया है. सुनवाई के बाद कन्ज्य़ूमर कोर्ट ने आई-क्यूब और कॉलर ठक्कर को दोषी पाते हुए मुआवज़े का फैसला सुनाया. 
 
आपको बता दें कि ये अपने आप में एक अनोखा और हैरान करने वाला मामला है. शायद ही ऐसे अन्य मामले कभी सामने आए हों, जिसमें इस तरह की घटना पर कोर्ट ने कुछ फैसला सुनाया हो. 

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