ग्रेटर नोएडा. राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में यूपी पुलिस की क्रूरता फिर सामने आई है. यहां पुलिस के दो जवानों ने गाड़ी ना रोकने पर गुस्सा होकर कार सवार दो लोगों पर गोली चला दी, जिसमे दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक की हालत ये है कि उसका एक […]
ग्रेटर नोएडा. राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में यूपी पुलिस की क्रूरता फिर सामने आई है. यहां पुलिस के दो जवानों ने गाड़ी ना रोकने पर गुस्सा होकर कार सवार दो लोगों पर गोली चला दी, जिसमे दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक की हालत ये है कि उसका एक हाथ काटना पड़ा है.
कार का शीशा नीचे करा मारी गोली
दरअसल, पुलिस की गोली लगने के बाद नोएडा के कैलाश अस्पताल में जिंदगी से जूझते जयप्रकाश पांडे दो लोगों के साथ रविवार रात ग्रेटर नोएडा से वापस लौट रहे थे. इको 3 के पास पीसीआर नंबर 84 के एक पुलिसवाले के कहने पर वह फौरन नहीं रुके तो उसे गुस्सा आ गया. पुलिसवाले ने कागजात देखने के बहाने उनसे शीशा नीचे करने को कहा और गोली मार दी. पुलिस की गोली से दोनों सवार घायल हुए, लेकिन जयप्रकाश की हालत ज्यादा खराब थी. गहरे जख्म की वजह से डॉक्टरों को उनकी एक बांह काटनी पड़ी.
सिक्योरिटी गार्ड को फंसाने की कोशिश भी की
न्यू अशोक विहार निवासी 23 वर्षीय जयप्रकाश पांडे गृह मंत्रालय का कर्मचारी है और परिजनों को गार्ड्स से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी पुलिसवाले ने घटना के वक्त शराब पी रखी थी. कैलाश अस्पताल के डॉ. अनिल गुरनानी ने बताया कि जैसे ही पुलिसवाले को अपनी गलती का अहसास हुआ वो पास ही बन रही एक इमारत के गार्ड्स के पास गया और बदमाशों का हवाला देकर फायरिंग करने को कहा फिर वायरलेस पर बदमाशों का मैसेज भेजकर गार्ड्स को ही गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. घटना की जानकारी मिलने पर थाने पहुंचे जयप्रकाश पांडे के परिजनों को पूरी घटना की जानकारी उस गार्ड से मिली, जो अभी गोली मारने के इल्जाम में पुलिस की हिरासत में है.
वहीं, जयप्रकाश के भाई विजय प्रकाश पांडे ने कहा, वायरलेस मैसेज की वजह से अगले ही चेकनाके पर पुलिस को वो कार मिल गई, जिसमें जयप्रकाश और गाड़ी चला रहा ड्राइवर जख्मी हालत में थे. फिर उन्हें ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में लाया गया, लेकिन सुबह में जब जयप्रकाश की हालत बिगड़ने लगी, तो उसे नोएडा लाया गया. यहां जब डॉक्टरों ने गोली निकाली तो पता चला वो पुलिस की बंदूक की है. वहीं जयप्रकाश के घरवालों को पुलिस की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई.