Kauravas Test Tube Babies: हनुमान की जाति के बाद अब कौरवों के जन्म पर सवाल, आंध्र विश्वविद्यालय के वीसी बोले- टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से पैदा हुए थे कौरव

Kauravas Test Tube Babies: आंध्र विश्वविद्यालय के उपकुलपति जी नागेश्वर राव ने दावा कि या है कि महाभारत काल के कौरव टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से पैदा हुए थे. उन्होंने कहा कि रामायण में कहा गया है कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान ही नहीं बल्कि अलग-अलग आकार और क्षमता के 24 तरह के विमान थे. उनके पास लंका में कई एयरपोर्ट थे और इन विमानों को अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

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Kauravas Test Tube Babies: हनुमान की जाति के बाद अब कौरवों के जन्म पर सवाल, आंध्र विश्वविद्यालय के वीसी बोले- टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से पैदा हुए थे कौरव

Aanchal Pandey

  • January 5, 2019 1:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

विशाखापट्टनम. शुक्रवार को भारतीय साइंस कांग्रेस में आंध्र विश्वविद्यालय के उपकुलपति जी नागेश्वर राव ने दावा किया कि कौरव स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से पैदा हुए थे. उन्होंने ये भी कहा कि भारत के पास हजारों सालों पहले से गाइडिड मिसाइलों की जानकारी थीं. उन्होंने दावा किया की भगवान विष्णु के दस अवरात, दशावतार अंग्रेजी प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन की विकास के सिद्धांत को समय में पछाड़ रहे हैं. अपनी एक प्रेजेंटेशन में जी नागेश्वर राव ने कहा, ‘निशाने का पीछा करने के लिए भगवान राम ने अस्त्र और शस्त्र इस्तेमाल किए और भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र भेजा. निशाने को मारने के बाद ये वापस आ जाते थे. इससे पता चलता है कि गाइडेड मिसाइल की टेक्नोलॉजी और साइंस भारत में नई नहीं है बल्कि ये हजारों साल पहले से ही मौजूद है.’

जी नागेश्वर राव ने ये भी कहा, ‘रामायण में लिखा है कि रावण के पास केवल अपना पुष्पक विमान ही नहीं बल्कि अलग-अलग आकार और क्षमता के 24 तरह के विमान थे. उसके पास लंका में कई एयरपोर्ट थे और वो अपने विमानों को अलग-अलग काम के लिए इस्तेमाल करता था.’ जी नागेश्वर राव ने कहा, ‘चार्ल्स डार्विन ने कहा था कि जिंदगी पानी से शुरू हुई और भगवान विष्णु का पहला अवतार भी मछली (मत्स्य) था. दूसरे अवतार उनका कछुआ (कूर्म), पानी में रहने वाला जानवर था. तीसरा अवतार सूअर का सिर (वराह), चौथा नरसिम्हा अवतार जिसमें सिर शेर का और शरीर इंसान का था. पांचवां इंसानी रुप में वामन का अवतार था.’ इसके बाद जी नागेश्वर राव सवाल किया कि कैसे कौरवों की मां गांधारी ने 100 बच्चों को जन्म दिया?

उन्होंने पूछा, ‘सभी लोग सोचते हैं लेकिन कोई मानता नहीं है की कैसे गांधारी ने 100 बच्चों को जन्म दिया. इंसानों के लिए ये कैसे मुमकिन है? एक जन्म में एक महिला कैसे 100 बच्चों को जन्म दे सकती है? लेकिन अब हम मानते हैं कि टेस्ट ट्यूब बेबी होते हैं. वहीं महाभारत में कहा गया है कि 100 अंडों को फर्टिलाइज करके उन्हें मिट्टी के घड़ों में रखा गया था. क्या ये टेस्ट ट्यूब बच्चे नहीं हुए? स्टेम सेल रिसर्च इस देश में हजारों सालों से मौजूद है. हम आज स्टेम सेल रिसर्च की बात करते हैं. हमारे यहां एक मां से 100 कौरव स्टेम सेल प्रक्रिया और टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से हैं. ये कुछ हजार साल पहले हुआ. इस देश में ये साइंस थी.’ बता दें कि देश में पहले ही भगवान हनुमान की जाति को लेकर विवाद छिड़ा है. ऐसे में आंध्र विश्वविद्यालय के उप कुलपति का बयान बेहद हैरान करने वाला है.

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