क्या अगले 15 साल बाद जम जाएंगे हम?

लंदन. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नई अध्‍ययन में दावा किया है कि 2020 से 2030 के बीच सोलर साइकिल्स में होने वाली गड़बड़ी की वजह से छोटे हिमयुग (मिनी आइस एज) की स्थिति पैदा हो सकती है.

Advertisement
क्या अगले 15 साल बाद जम जाएंगे हम?

Admin

  • July 13, 2015 5:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

लंदन. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नई अध्‍ययन में दावा किया है कि 2020 से 2030 के बीच सोलर साइकिल्स में होने वाली गड़बड़ी की वजह से छोटे हिमयुग (मिनी आइस एज) की स्थिति पैदा हो सकती है.

प्रोफेसर वैलेंटिना जारकोवा ने सोलर एक्टिविटी से जुड़ी भविष्यवाणी करने वाले मॉडल के मुताबिक बताया कि सोलर साइकिल्स के धीमा होने की स्थिति को ‘मौनडर मिनिमम’ कहते हैं. इस समय सूरज की सतह से तयशुदा वक्त में एक निश्चित मात्रा में मैगनेटिक फ्लक्स निकलती हैं. इसका एक साइकिल करीब 11 साल का होता है, जिसे सोलर साइकिल कहते हैं. इससे मिनी आईस ऐज की स्थिति पैदा होती है.

क्या है मिनी आइस एज?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, 1300 से 1870 के बीच मिनी आइएस एज का पीरियड माना जाता है. इस समय यूरोप और उत्तरी अमेरिका में 20वीं सदी के मुकाबले बेहद ठंडा मौसम रहा. सबसे ज्यादा प्रभाव 1646 से 1715 के बीच रहा, जिसके चलते लंदन की टेम्स नदी तक जम गई थी. अब वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2030 तक सोलर एक्टिविटी में 60 फीसद तक की गिरावट हो सकती है. इससे फिर मिनी आइएस एज का पीरियड लौट आएगा. 

Tags

Advertisement