जो लौट के घर ना आए… सुकमा हमले में शहीद होने वाले बिहार के 6 जांबाजो की कहानी

पटना: सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 25 जवान शरीद हो गए. इनमें से कुछ ऐसे थे जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे, कुछ की नई-नई शादी हुई थी और कुछ हाल ही में पिता बने थे.   हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के […]

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जो लौट के घर ना आए… सुकमा हमले में शहीद होने वाले बिहार के 6 जांबाजो की कहानी

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  • April 25, 2017 1:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
पटना: सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 25 जवान शरीद हो गए. इनमें से कुछ ऐसे थे जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे, कुछ की नई-नई शादी हुई थी और कुछ हाल ही में पिता बने थे.
 
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक सुकमा हमले की खबर ने बिहार के 6 परिवारों पर गाज गिराई है. सुकमा हमले में शहीद हुए 6 जवान बिहार से हैं. शहीद होने वालों में सौरभ कुमार
(पटना), नरेश यादव (दरभंगा), अभय कुमार(वैशाली), रंजीत कुमार(शेखपुरा), कृष्ण कुमार पांडे(रोहतास), और अभय मिश्रा(भोजपुर) शामिल हैं. 
 
 
शहीद कृष्ण कुमार पांडे
 
शकुंतला कुंवर के घर जल्द ही खुशियों की शहनाई बजने वाली थी. उनकी पोती की शुक्रवार को शादी थी लेकिन सोमवार को उन्हें अपने बेटे कृष्ण कुमार पांडे की मौत की खबर मिली. घटना की सूचना मिलने के बाद से शकुंतला  लगातार एक ही बात कह रही हैं कि कृण्ण ने वादा किया था कि वो 28 तारीख को अपनी भतीजी की शादी में जरूर आएगा लेकिन वो अब कभी नहीं आएगा, उसने अपना वादा तोड़ दिया. भरी हुई आवाज में शकुंतला कहती हैं कि उन्होंने विधवा होने के बाद बड़ी मेहनत से कृष्णा की परवरिश की थी.
 
कृष्णा की पत्नी खबर सुनने के बाद से सदमे मे है. उनकी गोद में उनकी 11 महीने की बच्ची है. वो बार बार कह रही हैं कि उनका पति मरा नहीं है वो जिंदा हैं.
 
शहीद अभय कुमार
 
शहीद अभय कुमार भोजपुर जिले के तुलसी हरिगांव इलाके के रहने वाले थे. उनके भाई के मुताबिक परिवार खबर मिलने के बाद से सदमे में है. अभय परिवार में इकलौते कमाने वाले शख्स थे. उनके पिता किसान हैं लेकिन वो मुश्किल से अपने परिवार के लिए अनाज उगा पाते हैं. शहीद अभय के मुताबिक दस दिन पहले उनकी मां ने अभय से बात करने की कोशिश की थी मगर खराब नेटवर्क की वजह से बात नहीं हो पाई.
 
शहीद सौरभ कुमार
 
शहीद सौरभ कुमार के परिवार के आंसू सूखने के नाम नहीं ले रहे हैं. शहीद के पिता कमलेश कुमार ने कहा कि उनके बेटे ने देश के लिए शहादत दी है और हमारे पूरे परिवार को उनपर गर्व है. उन्होंने बताया कि तीन महीने की छुट्टी के बाद सौरभ 29 मार्च को छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने बताया कि सौरभ की 2014 में शादी हुई थी.
 
शहीद रंजीत कुमार
 
बिहार के शेखपुरा जिले के फूलचुड़ गांव में मातम पसरा हुआ है. यहां रहने वाले रंजीत कुमार ने 20 अप्रैल को ही छुट्टियों के लिए आवेदन दिया था और वो इस हफ्ते कभी भी वापस अपने गांव लौट सकते थे. शहीद रंजीत के दो बेटे हैं जिनकी उम्र 4 और दो साल है.
 
शहीद नरेश यादव
 
दरभंगा के अहीला जिले के रहने वाले नरेश यादव तीन नाबालिग बच्चों के पिता थे जिनकी सुकमा हमले में मौत हो गई. उनके गांव में भी मातम का माहौल पसरा हुआ है. 27 अप्रैल को उन्हें अपने घर लौटना था लेकिन अब उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को उनके गांव पहुंचेगा.
 
शहीद अभय कुमार
 
वैशाली जिले के इस सपूत की शहादत पर उनके परिवार को गर्व है. शहीद अभय कुमार की मां के मुताबिक दस मार्च को अभय की शादी की पहली सालगिरह थी. जश्न के दौरान अभय ने कहा था कि ड्यूटी के दौरान अगर उनकी मौत हो जाती है तो भगवान का उन्हें ये बेहद खूबसूरत तोहफा होगा क्योंकि मैं देश की सेवा और उसकी सुरक्षा करने  के लिए ही पैदा हुआ हूं. 

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