Rafael Deal Case: राफेल डील मामले में पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. ये पुनर्विचार याचिका राफेल डील की जांच की मांग खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए है. बुधवार को दाखिल की गई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ इस पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के फैसले में कई तथ्यात्मक और कानूनी त्रुटियां हैं.
नई दिल्ली. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की गई. ये पुनर्विचार याचिका पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में दायर करवाई है. इसके जरिए वो राफेल सौदे की जांच की मांग खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहे हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को फैसला सुनाया था कि जिसमें उन्होंने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के की गई डिल सौदे पर सवाल उठाने वाली और इस डील पर जांच की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं थीं.
बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई जिसमें कहा गया कि कोर्ट के फैसले में कई तथ्यात्मक और कानूनी त्रुटियां हैं. कहा गया है कि जो फैसला सुनाया गया वो सरकार की ओर से सील बंद लिफाफे में कोर्ट को दिए गए कागजों और बाकि सबूतों पर आधारित है और सरकार ने उसमें गलत जानकारी दी है. बता दें कि जो भी सरकार ने सील बंद लिफाफे में कोर्ट में जमा करवाया उस को कभी भी याचिकाकर्ताओं के साथ साझा नहीं किया गया और ना ही याचिकाकर्ताओं को मौका दिया गया कि उस पर बहस करें. बुधवार को दाखिल हुई पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उन लोगों की ओर से दाखिल मुख्य मांग पर ध्यान नहीं दिया है.
आरोप लगाए गए हैं कि इस मामले में कोर्ट ने किसी जांच एजेंसी या सीबीआई को जांच के लिए नहीं कहा और खुद ही सौदे की समीक्षा करने की गलती कर दी है. कोर्ट ने सीबीआई से उन लोगों की ओर से दाखिल की गई शिकायत के बारे में भी जानकारी नहीं ली. याचिका में कहा गया है कि इस मामले में कोर्ट के फैसला सुरक्षित रखने के बाद कई अहम तथ्य सामने आए जिस पर विचार किया जाना चाहिए था. ऐसे ही कई और कारण याचिका में बताते हुए मांग की गई है कि कोर्ट अपने आदेश पर पुनर्विचार करे.