अंग्रेजी क्लास में पकड़ बनाने के लिए संघ का चार दिन का सम्मेलन

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ही नहीं मोदी की अगुवाई में आई बीजेपी सरकार ने भी लगातार हिंदी को बढ़ावा देने की बात कही है, इस दिशा में कई बड़े कदम भी उठाए हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि आरएसएस ने ‘इंगलिश स्पीकिंग क्लब’ को एकदम से नजरअंदाज कर दिया है.

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अंग्रेजी क्लास में पकड़ बनाने के लिए संघ का चार दिन का सम्मेलन

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  • April 22, 2017 9:56 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ही नहीं मोदी की अगुवाई में आई बीजेपी सरकार ने भी लगातार हिंदी को बढ़ावा देने की बात कही है, इस दिशा में कई बड़े कदम भी उठाए हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि आरएसएस ने ‘इंगलिश स्पीकिंग क्लब’ को एकदम से नजरअंदाज कर दिया है.

ताजा उदाहरण आज से शुरू हो रहा चार दिन का संघ का वो सम्मेलन है, जिसमें इंगलिश और केवल इंगलिश में बात होगी. ये सम्मेलन दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आज से शुरू हो रहा है और दीनदयाल उपाध्याय जी ‘एकात्म मानववाद’ पर पचास साल पहले मुंबई में हुई भाषण श्रंखला की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित किया गया है.

इस कार्यक्रम का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान ने किया है. चार दिन तक इस कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर चर्चा होगी कि कैसे कतार में आखिर में खड़े आदमी की परेशानियों को दूर कर राष्ट्र को महान बनाया जा सकता है.

इस कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावडेकर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और पीएमओ से जुड़े राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह भी भाग लेंगे. हर एक दिन एक मंत्री होगा, जो इंगलिश में इस विषय पर अपनी बात रखेगा. एमजे अकबर का भी नाम वक्ताओं की सूची में लिया जा रहा है.

संघ की तरफ से दो बड़े पदाधिकारी वक्ता के तौर पर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिनमें उत्तर क्षेत्र के संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्ता के साथ-साथ संघ के नए बने संगठन प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे नंद कुमार होंगे. भारत सरकार वैसे भी दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है. बीजेपी और संघ के बाकी संगठनों ने भी इस साल कई  कार्यक्रमो की योजना इस दिशा में बनाई है.

ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक हिंदी से अंग्रेजी क्यों? दरअसल संघ ने समय के साथ हमेशा ही इस बात को महसूस किया है अंग्रेजी भाषी भले ही कम मात्रा में हैं, लेकिन वो ऐसी जगहों पर हैं, जहां से वो बहुत ज्यादा लोगों को राय प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में उनके बीच अपनी बात उनकी ही भाषा में पहुंचानी चाहिए. इसलिए दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों के जरिए बीजेपी की नींव के बारे में अंग्रेजीदां लोगों को बताने की तैयारी है, क्योंकि दिल्ली के अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले बुद्धिजीवियों को इस कार्य़क्रम में न्यौता भेजा गया. ये आयोजन 22 से शुरू होकर 25 अप्रैल तक चलेगा.  

 

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