आगरा: ताजमहल का दीदार करने आयीं 34 देशों की मॉडल्स के दुपट्टे उतरवाने की घटना सामने आयी है. इन सभी ने धूप से बचने के लिए भगवा ‘रामनामी’ दुपट्टा ओढ़ रखा था. ताजमहल में सुरक्षा के नाम पर इन मॉडल्स को दुपट्टा उतारने के लिए मजबूर किया गया. तर्क दिया गया कि ताजमहल में धार्मिक प्रतीक चिह्न और पूजा सामग्री पर रोक है.
हिंदू संगठन नाराज
इस कार्रवाई के विरोध में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं. हिंदू जागरण मंच और भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मॉल रोड स्थित ASI के दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाजी की. हिंदू संगठनों ने सवाल किया है कि क्या यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ताजमहल आयेंगे तो उनके भी भगवा कपड़े उतरवाये जायेंगे ? संगठन के सदस्यों ने 20 अप्रैल को आगरा के माल रोड स्थित भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.
क्या है मामला ?
बुधवार को दिल्ली से आईं 34 देशों की मॉडलों में ज्यादातर ने भगवा रंग के रामनामी दुपट्टे ओढ़ रखे थे. सीआईएसएफ ने इन्हें उतरवाकर बाहर रखवा दिया. इसके पीछे कारण बताया गया कि ताजमहल में धार्मिक प्रतीक चिन्ह और पूजा सामग्री पर रोक है. जांच के दौरान गाइड ने सभी मॉडलों को ताज में प्रतिबंधित सामग्री की जानकारी दी.
CISF ने दी सफाई
सीआईएसएफ ने सफाई देते हुए कहा कि ताजमहल में धार्मिक प्रतीक चिन्ह प्रतिबंधित हैं. इस वजह से दुपट्टे उतरवाए गए. पहले भी यही नियम रहा है. हमारी मंशा किसी के धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं है. एएसआई ने एक आदेश के जरिए साफ तौर पर कहा है कि संरक्षित स्मारक के भीतर किसी भी तरह के धार्मिक चिन्ह पर प्रतिबंध है. केवल हम ऑर्डर फॉलो कर रहे थे.