Mehul Choksi Extradition: मेहुल चोकसी 13,400 करोड़ के पीएनबी घोटाले का मास्टरमाइंड है. बैंक को चूना लगाने के बाद वह एंटिगुआ भाग गया था. उसे भगौड़ा घोषित कर दिया गया है और रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार उसे भी वापस ला सकती है.
नई दिल्ली. 13,400 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. फिलहाल चोकसी एंटीगुआ और बरबुडा में रह रहा है, जो उसे जल्द से जल्द भारत भेजने की तैयारियों में लगा है. प्रत्यर्पण की तलवार लटकते देख चोकसी ने एंटीगुआ और बरबुडा सरकार के ‘प्रस्तावित’ फैसले को चुनौती दी है.उसके वकील डॉ. डेविड डॉरसेट ने हाल ही में एंटीगुआ के विदेश मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें नागरिकता भी शामिल है.
सबसे पहले यह मामला हाई कोर्ट में जस्टिस रीता जोसफ ओलिवेट्टी की बेंच के सामने 14 नवंबर को आया था और उसके बाद 12 दिसंबर को. सहयोगी संडे गार्जियन से बातचीत में डॉ. डॉरसेट ने कहा कि उन्होंने एंटीगुआ एंड बरबुडा प्रत्यर्पण कानून, 1993 के सेक्शन 9 (4) को चुनौती दी है क्योंकि यह विदेश मंत्री को फैसले लेने की शक्ति देता है.
उन्होंने कहा, ”12 दिसंबर को हमने हाई कोर्ट में भारतीय कानून पर स्वतंत्र विशेषज्ञ लाने की याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. हम चाहते थे कि कोर्ट देखे कि क्या भारतीय सरकार ने प्रत्यर्पण की अर्जी दी है वह यहां लागू है या नहीं. अब हम 22 जनवरी 2019 को कोर्ट ऑफ अपील में जाएंगे. इस दिन कोर्ट देखेगा कि क्या विशेषज्ञ गवाह को इजाजत दी जाएगी या नहीं. अगर हमें यहां भी कामयाबी नहीं मिलती तो हम गुप्त जानकारी के संबंधित मंत्रीपरिषद से गुहार लगाएंगे. उनके मुताबिक एंटीगुआ सरकार कोर्ट से कहा कि जब तक कानूनी मुद्दे सुलझ नहीं जाते, तब तक सरकार चोकसी के प्रत्यर्पण से जुड़े मामले पर आगे नहीं बढ़ेगी.