मुंबई: गिरफ्तारी के डर से विदेश भागे विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. ईडी ने बताया कि चार बार समन भेजे जाने के बाद भी जाकिर कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए हाजिर नहीं हुए हैं और वो यूएई में ही हैं.
एनआईए के अनुसार यूएई के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि होने के कारण गैर जमानती वारंट के जरिए नाइक को भारत लाया जा सकता है. भारत लाने के बाद ही नाईके के खिलाफ जांच आगे बढ़ाई जा सकती है. एनआईए नाइक के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रहा है. इससे पहले ईडी ने मनीलांड्रिंग के तहत नाइक की की 18 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी. साथ ही नाइक की बहन नैला नूरानी से पूछताछ की थी. इस दौरान धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि नाइक को एजेंसी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था लेकिन वह नहीं हुए. इसलिए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में नाइक और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था.
बता दें कि नाइक पर समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का आरोप लगाया गया है. नाइक पर भारत सरकार लगातार शिकंजा कसते जा रही है. सरकार ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर पहले ही बैन लगा दिया है. नाइक के भाषणों को ब्रिटेन और मलेशिया में पहले से ही बैन किया जा चुका है. हाल में ही नाइक के करीबी आमिर गजदर को भी अरेस्ट किया गया था.
भारत सरकार ने नाइक के संगठन पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बैन किया था. पिछले साल ढाका में एक कैफे में हमला करने वाले कुछ आतंकवादी कथित रूप से जाकिर नाइक की तकरीरों से प्रेरित बताए गए थे.