लखनऊ: राजधानी लखनऊ के ऐशबाग की इन छोटी-छोटी गलियों में इस घर का ऐतिहासिक महत्व रहा है. अगर बीजेपी और संघ की दृष्टि से देखा जाए तो. क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी भी इस घर में रहे हैं साथ ही दीनदयाल उपाध्याय ने भी इस घर के अंदर काफी वक्त गुजारा है. अब ये घर है डॉ दिनेश शर्मा का, जो अब ये यूपी के उप-मुख्यमंत्री हैं.
दिनेश शर्मा लखनऊ शहर में काफी जाना-माना चेहरा हैं क्योंकि 10 सालों से वे यहां के मेयर रह चुके हैं. उप-मुख्यमंत्री का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है क्योंकि इतने ज्यादा वोटों से आज तक कोई मेयर नहीं बना है. दिनेश शर्मा से बात कीं इंडिया न्यूज के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया ने.
‘BJP की मानसिकता ऐसी नहीं’
दूसरी सरकार की खामियां निकालना, किसी भी सरकार का काम ये नहीं है और किसी भी सरकार को इस तरह की प्रतिशोधी स्वभाव से काम करने की आवश्यकता कभी नहीं होती. न ही ये बीजेपी सरकार की मानसीकता है. अगर कहीं खामी पायी जाती है तो उसका विशलेषण किया जाता है. यह एक आम प्रकिया है.
‘शिक्षा में सुधार की जरूरत’
शिक्षा में सुधार बहुत ज्यादा आवश्यक होता है. किसी भी देश का नागरिक, जो छात्र है वो अगली पीढ़ी का निर्माण करता है. अगर शिक्षा में किसी भी तरह की विषमताएं रहीं तो अगली पीढ़ी को दूषित होने में देरी नहीं लगती और उस देश की प्रगती रूक जाती है. अगर कहीं नकल हो रहा है तो मैं इसमें छात्र की गलती नहीं मानता हूं.
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